Move to Jagran APP

RBI MPC Meeting: 2024 तक मिल सकती है महंगाई से राहत, मुद्रास्फीति को 5 प्रतिशत पर रोकने का लक्ष्य

RBI MPC Meet 2023 Updates आरबीआई ने अपने मौद्रिक नीति का एलान कर दिया है। इस बार भी महंगाई दर अनुमान से कम ही रही है। वहीं इस बार बैठक ने रेपो दर में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया है।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 08 Jun 2023 12:07 PM (IST)
Hero Image
RBI MPC meeting 2023 RBI marginally lowers FY'24 inflation
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। FY24 Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज मौद्रिक नीति पर लिए गए फैसलों का एलान किया है। इस फैसले पर सबकी नजर रेपो रेट पर थी। जिस पर आरबीआई ने बताया कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यानी कि रेपो दर 6.50 फीसदी पर स्थिर ही रहेगी। इसी के साथ आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई दर को लेकर भी एलान किया है। आइए जानते हैं कि उन्होंने महंगाई दर के बारे में क्या बताया है?

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई का अनुमान मामूली रूप से घटकर 5.1 प्रतिशत हो गया है।

इसी साल अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। जिसेक बाद अप्रैल 2023 में सीपीआई तेजी से गिरकर 4.7 फीसदी हो गई है। इससे पहले फरवरी में ये 6.4 प्रतिशत थी।

मुद्रास्फीति में आई गिरावट

भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान कम हुई है। इसी के साथ टॉलरेंस बैंड 2-6 प्रतिशत हो गई है। वहीं 2022-23 में ये 6.7 प्रतिशत थी। आरबीआई गवर्नर ने 2023-24 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि हेडलाइन मुद्रास्फीति अभी भी नए आंकड़ों के अनुसार लक्ष्य से ऊपर है। इसी के साथ 2023-24 के लिए ये अनुमानों के अनुसार रहने की उम्मीद है। बढ़ते महंगाई पर कड़ी नजर रखना बेहद जरूरी है। देश में मानसून और अल नीनो की स्थिति में महंगाई में बदलाव देखने को मिल सकता है।

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का अनुमान

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2023-24 के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) को लेकर अनुमान जताया है। इस साल सीपीआई की महंगाई को 5.1 प्रतिशत का अनुमान लगाया जा रहा है। जो कि पहली तिमाही में 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रह सकती है। इस इंडेक्स को जोखिम के साथ समान रूप से संतुलित करना होगा।

बढ़ती हुई महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर "अर्जुन की नजर" बनाए रखने की आवश्यकता है। हेडलाइन मुद्रास्फीति अभी भी लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। लेकिन इस साल केंद्रीय बैंक का लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाना है।