मजबूत है भारतीय बैंकों का आधार, अडानी जैसा कोई एक मामला सिस्टम को प्रभावित नहीं कर सकता: आरबीआई
अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के बाद उसे बाजार मूल्य में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ जिसके कारण 2.5 बिलियन डॉलर का एफपीओ रद करना पड़ा। इस बीच आरबीआई ने कहा है कि अडानी समूह को दिए गए लोन से बैंकों को कोई खतरा नहीं है।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Wed, 08 Feb 2023 04:28 PM (IST)
मुंबई, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि अडानी समूह में घरेलू बैंकों का बहुत अधिक पैसा नहीं लगा है। यह जोखिम 'बहुत महत्वपूर्ण नहीं' है। भारतीय बैंकिंग प्रणाली इतनी मजबूत है कि किसी एक मामले से प्रभावित नहीं हो सकती। रेटिंग एजेंसियों द्वारा की गई निगेटिव रैंकिंग के बाद बावजूद आरबीआई अडानी समूह को ऋण देने वाले बैंकों को कोई मार्गदर्शन नहीं देगा।
आरबीआई ने कहा है कि भारतीय बैंकों का आधार बहुत मजबूत है और कोई एक मामला सिस्टम को नहीं बिगाड़ सकता। इस बारे में पूछे गए एक सवाल का उत्तर देते हुए डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों का जोखिम बहुत महत्वपूर्ण स्तर तक नहीं है और इसे नगण्य माना जा सकता है।
मजबूत है बैंकिंग सिस्टम का आधार
पोस्ट-पॉलिसी रिव्यू प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारे घरेलू बैंकों का एक्सपोजर परिसंपत्तियों, नकदी प्रवाह और चल रही तमाम परियोजनाओं का हिस्सा है। यह बाजार पूंजीकरण पर आधारित नहीं है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने अपना खुद का आकलन किया है और पाया है कि किसी एक कंपनी या समूह के लिए कैप एक्सपोजर के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाता है।
गवर्नर दास ने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली की ताकत, आकार और लचीलापन अब कहीं अधिक मजबूत और बड़ा है। यह किसी व्यक्तिगत घटना या इस तरह के मामले से प्रभावित नहीं हो सकता है।
आपको बता दें कि पिछले पखवाड़े अमेरिका में एक शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट पेश की थी। हिंडनबर्ग ने कहा था कि अडानी समूह की बैलेंस शीट में बहुत-सी खामियां हैं और कंपनी कई तरह के फर्जीवाड़े में लिप्त रही है।
अडानी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य में भारी गिरावट आई। उनका मूल्य आधा हो गया है। जोखिम के कारण बैंकों के शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिली।