2030 तक 60% होगी सोलर मार्केट में Reliance की हिस्सेदारी, क्लीन एनर्जी बनेगी कंपनी के लिए नया ग्रोथ इंजन
Reliance पर निकाली गई Sanford C Bernstein की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 तक कंपनी की आय ग्रीन एनर्जी की हिस्सेदारी दिखने लगेगी। ये आय 2030 तक बढ़कर 10 से 15 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 18 Jun 2023 03:20 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एशिया और भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस के लिए न्यू एनर्जी कारोबार काफी मुनाफे वाला रहने वाला है। कंपनी अपने ग्रीन एनर्जी कारोबार से 2030 तक 10 से 15 अरब डॉलर की आय हासिल कर सकती है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को समय-समय पर अधिग्रहण और पार्टनरशिप करनी होगी। सैनफोर्ड सी बर्नस्टीन (Sanford C Bernstein) की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई।
2050 तक भारत करेगा दो ट्रिलियन का निवेश
क्लीन एनर्जी में भारत बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है और 2050 तक भारत ने 2 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा है। वहीं, 2030 तक भारत 280 गीगवॉट सोलर कैपेसिटी और 5 मिलियन टन में ग्रीन एच2 प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा है।रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी की आय में वित्त वर्ष 2024-25 तक ग्रीन एनर्जी कारोबार की हिस्सेदारी दिखने लगेगी। 2024 तक कंपनी सोलर और बैटरी प्लांट शुरू हो सकता है।
2030 में कितना बड़ा होगा ईवी बाजार?
ब्रोकरेज फर्म की ओर से बताया गया कि 2030 तक ईवी गाड़ियां कुल यात्री और कमर्शियल वाहनों का 5 प्रतिशत और दोपहिया वाहनों का 21 प्रतिशत होगा। क्लीन एनर्जी का कुल मार्केट 30 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो कि अभी 10 अरब डॉलर का है। वहीं, 2050 तक बाजार का आकार 200 अरब तक पहुंच चुका होगा।न्यू एनर्जी सेक्टर को लेकर रिलायंस का क्या है प्लान
ऑयल से लेकर टेलीकॉम कारोबार में अपने पैर जमा चुकी रिलायंस सोलर और हाइड्रोजन कारोबार में उतर चुकी है। कंपनी ने 2030 तक 100 गीगावॉट की सोलर क्षमता लगाने का लक्ष्य रखा है, जो कि भारत के 280 गीगावॉट के लक्ष्य का करीब 35 प्रतिशत होगा।
बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस की ओर से 2030 तक सोलर के 60 प्रतिशत, बैटरी के 30 प्रतिशत और हाइड्रोजन के 20 प्रतिशत बाजार पर कब्जा करने का अनुमान है। कंपनी की ओर से 2035 नेट कार्बन जीरो का लक्ष्य भी रखा गया है।