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रोहित जवा होंगे हिंदुस्तान यूनिलीवर के नए सीईओ और एमडी

एचयूएल के सीईओ और एमडी होने के अलावा जवा यूनिलीवर साउथ एशिया में प्रेसिडेंट का पद भी संभालेंगे। उन्होंने 1988 में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में एचयूएल के साथ अपना करियर शुरू किया। भारत के अलावा वह दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में काम कर चुके हैं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 10 Mar 2023 09:57 PM (IST)
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Rohit Jawa will be the next Hindustan Unilever CEO and MD
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने रोहित जवा को नया प्रबंध निदेशक और सीईओ नियुक्त किया है। रोहित जवा 27 जून, 2023 से एचयूएल में नेतृत्व का प्रभार संभालेगे। वह संजीव मेहता की जगह ले रहे हैं जो 10 साल के कार्यकाल के बाद एचयूएल से सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।

एचयूएल में सीईओ और एमडी होने के अलावा, जवा यूनिलीवर साउथ एशिया में प्रेसिडेंट का पद भी संभालेंगे। उन्होंने 1988 में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में एचयूएल के साथ अपना करियर शुरू किया।

कई देशों में काम कर चुके हैं रोहित जवा

भारत के अलावा वह दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में काम कर चुके हैं। वह यूनिलीवर चीन के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने यूनिलीवर चीन का चीफ रहते हुए उसे प्रतिस्पर्धी और लाभदायक संगठन बना दिया। ये अब यूनिलीवर का विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा और लाभकारी व्यवसाय है। वह यूनिलीवर फिलीपींस के अध्यक्ष भी रहे।

एचयूएल ने एक बयान में कहा कि पारंपरिक बाजारों का नेतृत्व करने की रोहित की ताकत और डिजिटल प्रौद्योगिकी और भविष्य के अनुकूल व्यापार मॉडल के साथ जुड़ने की उनकी क्षमता हिंदुस्तान यूनीलीवर को और आगे ले जाएगी।

रोहित की नियुक्ति पर एचयूएल के नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन नितिन परांजपे ने कहा कि उन्हें व्यापार परिदृश्य की गहरी समझ है। वह कंपनी को अगले स्तर पर ले जाएंगे।

संजीव मेहता होंगे रिटायर

संजीव मेहता के बाहर जाने पर परांजपे ने कहा कि उन्होंने अपनी दूरदर्शिता के साथ एचयूएल को भविष्य के अनुकूल व्यवसाय बनने के लिए प्रेरित किया है। पिछले साल फिक्की के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

एचयूएल ने कहा कि संजीव मेहता के कार्यकाल के दौरान एचयूएल ने 50 हजार करोड़ के टर्नओवर के आंकड़े को पार कर लिया और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 17 अरब डॉलर से चार गुना बढ़कर 75 अरब डॉलर हो गया।