Sovereign Gold Bond: सरकार दे रही सस्ता सोना खरीदने का मौका, इस तारीख तक कर सकते हैं निवेश, जानिए डिटेल्स
Sovereign Gold Bond सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की ऑनलाइन माध्यम से खरीद करने पर निवेशकों को सरकार की ओर से छूट दी जा रही है। SGB में कोई भी व्यक्ति अधिकतम चार किलो सोना खरीद सकता है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) 2022-23 - सीरीज IV के सब्सक्रिप्शन सोमवार (6 मार्च, 2023) को खुल गया है। ये सब्सक्रिप्शन पांच दिन तक निवेशकों के लिए खुला रहेगा। आरबीआई द्वारा इस बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में प्रति ग्राम सोने का भाव 5,611 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। सरकार की ओर से आरबीआई ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने कार्य करता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ऑनलाइन आवेदन करने मिलेगी छूट
आरबीआई की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन खरीद पर छूट दी जा रही है। आरबीआई के मुताबिक, अगर आप डिजिटल माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खरीद करते हैं, तो आपको तय कीमत से प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्कांउट दिया जाएगा।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि ऐसे निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 5,561 प्रति ग्राम के हिसाब से जारी किए जाएंगे।
कौन -कौन खरीद सकता है?
सरकार की ओर से जारी नए सर्कुलर के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्था सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकती है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को कम से कम 1 ग्राम या उसके गुणज में सोना खरीदना होगा। एक व्यक्ति एवं एचयूएफ अधिकतम 4 किलो गोल्ड और ट्रस्ट एवं संस्थाएं अधिकतम 20 किलो गोल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कहां से खरीद सकते हैं?
बॉन्ड की बिक्री बैंकों स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से की जाएगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉक इन पीरियड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आठ साल की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन निवेशक पांच सालों के बाद इन्हें भुना सकते हैं और ब्याज ले सकते हैं।
क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को खरीदना चाहिए?
अगर आप केवल गोल्ड में ही निवेश करना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड की अपेक्षा में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से इस पर 2.5 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज भी दिया जाता है। वहीं, कैपिटल गेन टैक्स में भी छूट मिलती है।