पांच साल में 90 प्रतिशत हो जाएगी Digital Payment में UPI की हिस्सेदारी, Credit Card भी नहीं रहेगा पीछे
Digital Payment News अगले 5 सालों में यूपीआई पेमेंट भारत में तेजी से बढ़ता रहेगा। फिलहाल रिटेल पेमेंट में इसकी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है और आने वाले समय में इसके 90 प्रतिशत पहुंचने की संभावना है। (जागरण - फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में यूपीआई काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसका परिणाम होगी कि 2026-27 तक देश में यूपीआई से होने वाले लेनदेन की संख्या एक अरब प्रतिदिन तक पहुंच जाएगी, जो कि देश के रिटेल डिजिटल पेमेंट का 90 प्रतिशत होगा। ये बातें PwC इंडिया की ओर से यूपीआई को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में कही।
PwC इंडिया ने रिपोर्ट में क्या कहा?
PwC की ओर से 'द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2022-27' (The Indian Payments Handbook – 2022-27) नाम से जारी रिपोर्ट में कहा है कि यूपीआई से भुगतान देश में तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में रिटेल सेगमेंट में होने वाले कुल लेनदेन में इसकी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत रही है जो कि आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उनका अनुमान है कि अगले पांच सालों में रिटेल डिजिटल पेमेंट में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
4 गुना बढ़ सकता है डिजिटल लेनदेन
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय डिजिटल पेमेंट मार्केट 50 प्रतिशत की सीएजीआर (वॉल्यूम) से बढ़ सकता है और 2026-27 तक लेनदेन का आंकड़ा 411 अरब को छू सकता है, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में 103 अरब पर है।
क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में भी आएगी दमदार ग्रोथ
PwC ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यूपीआई ही नहीं, बल्कि क्रेडिट कार्ड का सेगमेंट भी भारत में तेजी से आगे बढ़ेगा और अगले पांच साल में इसमें 21 प्रतिशत की सीएजीआर से इजाफा हो सकता है। 2024-25 तक ये वॉल्यूम में डेबिट कार्ड को भी पीछे छोड़ देगा।
वहीं, भारत में डेबिट कार्ड की ग्रोथ इस दौरान 3 प्रतिशत रह सकती है। इसके पीछे का कारण रिपोर्ट में बताया गया कि डेबिट कार्ड का प्रयोग कैश निकासी के लिए किया जाता है और यूपीआई के आने से इसकी उपयोगिता कम हो गई है।