Digital Rupee: कैसा होगा डिजिटल रुपये का भविष्य, क्या पेपर करेंसी को दे पाएगा चुनौती
जो लोग डिजिटल सहूलियत चाहते हैं वो वालेट और यूपीआइ का इस्तेमाल कर सकते हैं। वो लोग जो ई-रुपी का इस्तेमाल नहीं कर सकते या जो किसी भी वजह से नहीं करेंगे वो पेपर कैश के साथ ही बने रहेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Sun, 25 Dec 2022 03:40 PM (IST)
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। Digital Rupee: आरबीआई ने ई-रुपी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसको लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है। कोई भी नया आइडिया स्वीकार किए जाने में वक्त लेता है। अब ई-रुपी के साथ क्या होगा, ये तो वक्त बताएगा। पर हम एक नपा-तुला अंदाजा तो लगा ही सकते हैं। ध्यान दें, यहां डिजिटल करेंसी जैसा जाना-पहचाना शब्द इस्तेमाल नहीं हो रहा है। आरबीआई ने पहले ही साफ कर दिया है कि ई-रुपी मौजूदा करेंसी ही है जिसे नए डिजिटल फार्म में जारी किया जा रहा है।
अगर आप कैश इस्तेमाल की वजहों को अच्छी तरह से समझ लेते हैं तो आपको भारत में डिजिटल करेंसी का भविष्य समझ आ जाएगा। हालांकि, हम सभी इस विषय को समझते हैं, पर फिर भी इस पर बात करना अच्छा रहेगा। ऐसे लेनदेन जो कुछ हजार रुपयों के हों, उनमें कैश का इस्तेमाल आसान होता है। इसमें आपको चेकबुक या स्मार्टफोन जैसी किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती। हमारी जनसंख्या के एक खास हिस्से के लिए, ये बातें काफी अहम हैं और इस नजरिए से देखें तो ये मसला यहीं तय हो जाता है।
क्या है डिजिटल करेंसी का भविष्य
असल में कुछ लोगों की आमदनी उस तरह की है, जो कहीं दर्ज नहीं होती और ये दिखाई भी तभी जाती है जब उसे वैध करने की मजबूरी हो। किसी भी बड़े लेनदेन के लिए कैश का इस्तेमाल मुश्किल होता जा रहा है। मगर लोग ऐसा करना जारी रखे हुए हैं और ऐसा करते रहने के उनके क्या कारण हैं, हम सब अच्छी तरह से जानते हैं। यही वजह है कि कैश का इस्तेमाल लेनदेन के अलावा पैसों को अपने पास रखने के लिए भी किया जाता है, और यहां भी यही कहानी दोहराई जा रही है। आने वाले वक्त में पेपर कैश का इस्तेमाल ई-रुपी में बदलता जाएगा। छोटे लेनदेन के लिए जो लोग तकनीकी तौर पर सक्षम नहीं हैं, बुजुर्ग हैं, या जो स्मार्टफोन नहीं रख सकते, या फिर डिजिटल वालेट और यूपीआइ के इस्तेमाल के लिए पढ़े लिखे नहीं हैं, वो लोग ई-रुपी का इस्तेमाल भी ठीक इन्हीं कारणों के लिए नहीं करेंगे।