कौन है George Soros, पीएम मोदी और अदाणी पर बयान सुर्खियां बटोरने की कवायद या विवाद को हवा देने की कोशिश
अरबपति कारोबारी George Soros ने अदाणी ग्रुप पर विवाद को लेकर एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि इससे भारत पर विदेशी निवेशकों का भरोसा कम होगा। वहीं पीएम मोदी पर टिप्पणी की है। (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हिडंनबर्ग रिपोर्ट के बाद विवादों में घिरे गौतम अदाणी पर अमेरिका अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के बयान के बाद हंगामा मचा हुआ है। सोरोस का कहना है कि अदाणी ग्रुप के प्रकरण ने भारतीय शेयर में बिकवाली को हवा दी है। इसके बाद भारत के बारे में निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। उन्होंने पीएम मोदी और अदाणी के रिश्तों को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। आइए जानते हैं जॉर्ज सोरोस के बारे में...
कौन है जॉर्ज सोरोस?
जॉर्ज सोरोस 92 वर्षीय अमेरिकी अरबपति हैं। उनका जन्म यूरोपीय देश हंगरी में यहूदी परिवार में हुआ था। उनके परिवार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के हमले के कारण हंगरी छोड़ दिया था। उस समय सोरोस की उम्र 17 वर्ष थी।
इसके बाद सोरोस लंदन पहुंचे और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी की। फिर वह 1956 में यूयॉर्क आ गए और यूरोपीय प्रतिभूतियों के विश्लेषक बन गए। फिर 1973 में हेज फंड की शुरू किया। 1969 से लेकर 2011 तक बाजारों लोगों के निवेश का प्रबंधन भी किया। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सोरोस के पास 8.5 अरब डॉलर की संपत्ति है।
क्यों मचा है हंगामा?
सोरोस ने अदाणी ग्रुप विवाद पर कहा है कि पीएम मोदी को इस मामले पर विदेशी निवेशकों के सवालों का जबाव देना चाहिए। इस प्रकरण से मोदी की भारत सरकार पर पकड़ कमजोर होगी। इसने भारत में संस्थागत बदलावों के रास्ते को खोल दिया है। मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद है। सोरोस के बयान के बाद विपक्षी पार्टियां इसे आधार बनाकर सरकार पर निशाना साध रही हैं।
सुर्खियां बटोरने की कवायद या कुछ और
सोरोस ने गुरुवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक भाषण में कहा कि पीएम मोदी को अदाणी समूह के आरोपों पर विदेशी निवेशकों और संसद में विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना होगा। सोरोस ने अपने भाषण में कहा कि अदाणी विवाद देश में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का द्वार खोल सकती है।
उनका लगभग 42 मिनट का भाषण जलवायु परिवर्तन, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका में मंदी, तुर्की आपदा और चीन में विफलताओं के बीच झूलता रहा। भारत के बारे में उन्होंने दावा किया कि मोदी और बिजनेस टाइकून अदाणी करीबी सहयोगी हैं, उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है।
अदाणी समूह पर गंभीर आरोप
अदाणी समूह पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अदाणी पर हेरफेर का आरोप है और उनका स्टॉक ताश के पत्तों की तरह ढह गया। मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने अपने दावे के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया। सभी हदों को पार करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत की संघीय सरकार पर मोदी का दबदबा काफी कमजोर हो जाएगा और जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने का दरवाजा खुल जाएगा।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर एक रिपोर्ट निकाली थी, जिसमें ग्रुप पर खातों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमत तेजी से नीचे आ गई है। अब तक 120 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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