New Criminal Laws: नए कानून में हिंदी शब्दों का समावेश, आसानी से समझ सकते हैं परिभाषा; पहले उर्दू शब्दों की थी भरमार
नए कानून में हिंदी शब्दों का ज्यादा प्रयोग किया गया है। जबकि पुराने आइपीसी में उर्दू शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया था। नए कानून में हिंदी शब्दों का समावेश किया गया है। लंबे समय बाद कानून को बदला गया और भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य संहिता में भारतीय लोगों की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रभाषा हिंदी का इसमें समावेश किया गया।
जेएनएन, भिलाई। सोमवार से लागू हुए नए कानून को लेकर लोगों में काफी जिज्ञासाएं हैं। सालों से रटी हुई धाराएं बदल गई हैं, लेकिन दो अच्छी बातें हैं। पहली की ये है कि अभी के डिजिटल युग में पूरी संहिता मोबाइल पर उपलब्ध है और अच्छी बात ये है कि नए कानून में हिंदी शब्दों का ज्यादा प्रयोग किया गया है। जबकि पुराने आइपीसी में उर्दू शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया था।
हिंदी के शब्द भी ऐसे हैं कि उन्हें हिंदी का सामान्य ज्ञान रखने वाला व्यक्ति भी आसानी से समझ सकेगा। हालांकि सालों से बोलने और सुनने में चली आ रही धाराओं की जगह नई धारा एकाएक याद रह पाना कठिन है। लेकिन, धारा को इंटरनेट पर खोजकर उससे संबंधित अपराध और परिभाषा को आसानी से समझा जा सकता है।
पुराने कानून आइपीसी 1860 में उर्दू शब्दों की भरमार थी
बता दें कि पुराने कानून आइपीसी 1860 में उर्दू शब्दों की भरमार थी। वो शब्द भी इतने कठिन होते थे कि आम लोगों को समझ आना मुश्किल था। इसे पुलिस के साथ ही न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़े विशेषज्ञ ही समझ सकते थे। इसके बाद अंग्रेजी का प्रचलन शुरू हुआ और अब हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लगभग पूरी तरह से अंग्रेजी भाषा का प्रयोग देखने को मिलता है।लंबे समय बाद कानून को बदला गया और भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य संहिता में भारतीय लोगों की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रभाषा हिंदी का इसमें समावेश किया गया। इसे देखकर यह माना जा रहा है कि नए कानून को याद कर पाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
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