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CG News: नक्सलियों के गढ़ बस्तर में 40 वर्ष बाद मना स्वतंत्रता का पर्व, महिला-पुरुष और बच्चों ने बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कैद में रहे ग्रामीणों को अब सुरक्षा और भरोसे का आभास होने लगा है। इसी का नतीजा है कि 40 वर्ष बाद नक्सल प्रभावित 14 गांवों के लोगों ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने नक्सली भय और धमकी को किनारे कर दिया। जहां पर कभी नक्सली काले झंडे फहराते थे वहां इस बार शान से तिरंगा लहराया।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 16 Aug 2024 11:34 PM (IST)
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नक्सलियों के गढ़ बस्तर में 40 वर्ष बाद मना स्वतंत्रता का पर्व

 अनिमेष पाल, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कैद में रहे ग्रामीणों को अब सुरक्षा और भरोसे का आभास होने लगा है। इसी का नतीजा है कि 40 वर्ष बाद नक्सल प्रभावित 14 गांवों के लोगों ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने नक्सली भय और धमकी को किनारे कर दिया। जहां पर कभी नक्सली काले झंडे फहराते थे वहां इस बार शान से तिरंगा लहराया।

महिला-पुरुष व बच्चों ने लिया भाग

सुकमा जिले में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती और टेकुलगुड़ेम में इसी वर्ष फरवरी में सुरक्षा बल ने कैंप स्थापित कर इस धारणा को ही ध्वस्त कर दिया। इस गांव में स्वतंत्रता का पर्व मनाया गया तो लोग उत्साहित दिखे। हिड़मा की मां सहित गांव के महिला-पुरुष व बच्चों ने राष्ट्रीय पर्व में शामिल होकर इस क्षेत्र में लोकतंत्र को सशक्त करने में अपनी भूमिका निभाई।

ग्रामीण जवानों के संग बैठकर भोजन करते दिखे

बीजापुर के पुतकेल में ध्वजारोहण के बाद ग्रामीण जवानों के संग बैठकर भोजन करते दिखे। गुंडेम, नंबी जैसे गांवों में बच्चे हाथ में तिरंगा थामे दिखे। इसी तरह दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर और नारायणपुर के कई गांवों में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

आठ माह में खुले 14 कैंप

बीते आठ महीनों में जवानों ने सीधे नक्सलियों के आधार क्षेत्र में 14 नए सुरक्षा कैंप खोले हैं। इस दौरान चलाए गए अभियान में 146 नक्सलियों को मार गिराया है। आने वाले दिनों में 29 नए कैंप शुरू करने की तैयारी है। इन्हीं कैंपों से राज्य सरकार की 'नियद नेल्लानार' और 'प्रधानमंत्री उन्नत गांव' योजना के माध्यम से इन गांवों में विकास कार्य शुरू किए जाएंगे।