Bullet Proof Jackets: अब भारतीय जवानों को मिलेगी स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट, बिलासपुर में तैयार हुआ बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट
भारतीय सेना के जवानों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तैयार की जाएगी। इन बुलेटप्रूफ जैकेटों के तैयार होने से विदेश पर निर्भरता कम होगी और इसका खर्च भी 30 प्रतिशत कम होगा। डीआरडीओ की मदद से बिलासपुर के रहने वाले नमन ने बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट तैयार किया है। इस बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट में सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, बिलासपुर। भारतीय सेना के जवानों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट अब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तैयार की जाएगी। इन बुलेटप्रूफ जैकेटों के तैयार होने से विदेश पर निर्भरता कम होगी और इसका खर्च भी 30 प्रतिशत कम होगा।
बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट किया तैयार
जानकारी के अनुसार, डीआरडीओ की मदद से बिलासपुर के रहने वाले नमन ने बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट तैयार किया है। इस बैलिस्टिक फैब्रिक प्लांट में सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार किया जाएगा। नमन ने ये प्लांट शहर के औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल में लगाया है।
नमन ने क्या कहा?
नमन ने अपने प्लांट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मार्च से बैलिस्टिक फैब्रिक का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जिससे 30 प्रतिशत कम में बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार हो पाएगी। नमन ने बताया कि यह देश की पहली यूनिट है, जहां बैलिस्टिक फैब्रिक का उत्पादन होगा।
गोलियां भी नहीं भेद सकती जैकेट
नमन ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी की स्थापना साल 2020 अंत में की थी। उन्होंने अपनी कंपनी के लिए डीआरडीओ से लाइसेंस लिया। इसके बाद इस प्लांट की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि वह सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट बनाते हैं, जो दुनिया में कहीं नहीं बनता है। इस जैकेट को 10 फीट की दूरी से चलने वाली एके-47 की गोलियां भी नहीं भेद सकती है।यह भी पढ़ें- Loksabha Elections: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव वाली रणनीति अपनाने के मूड में भाजपा, आधी लोकसभा सीटों पर बदल सकती है चेहरा
10 साल तक खराब नहीं होती प्लेट्स
नमन ने आगे बताया कि बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के लिए बैलिस्टिक फैब्रिक को कंप्रेस कर प्लेट बनाई जाती है। इसका इस्तेमाल सुरक्षा बलों के जवानों को दिए जाने वाले हेलमेट, हेलिकॉप्टर, मिलिट्री व्हीकल समेत कई चीजों में होता है। उन्होंने कहा कि बैलिस्टिक फैब्रिक की बनाई गई प्लेट्स लगभग 10 साल तक खराब नहीं होती हैं।बता दें कि कोरिया, तुर्किये, इजराइल और नीदरलैंड पर बैलिस्टिक फैब्रिक की निर्भरता रही है। हालांकि, नमन के स्टार्टअप से इस निर्भरता को कम किया जा सकेगा। मार्च से इसका निर्माण बड़े पैमाने पर संभव हो पाएगा।यह भी पढ़ें- Chhattisgarh: सुकमा में तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर, एक महिला नक्सली पर था 1 लाख का इनाम
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