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Rajgarh News: 'इलाज' को तरसा राजगढ़ का जिला अस्पताल, मरीजों की जगह पर घूमते हैं मवेशी, गवाह है तस्वीर

राजगढ़ के जिला अस्पताल में लगातार अव्यवस्थाएं नजर आ रही है। जिले में ट्रामा सेंटर के साथ-साथ अस्पताल में समय पर डाक्टर भी नहीं मिल रहे हैं ना ही अस्पतालों में साफ-सफाई है। सफाई कर्मियों को वेतन भी समय से नहीं मिलता है।

By Nidhi VinodiyaEdited By: Updated: Sun, 20 Nov 2022 04:24 PM (IST)
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राजगढ़ जिला अस्पताल में घूम रहे मवेशी, फोटो जागरण
रायपुर, जागरण डिजिटल डेस्क : राजगढ़ के जिला अस्पताल में लगातार अव्यवस्थाएं नजर आ रही है। जिले में ट्रामा सेंटर के साथ-साथ अस्पताल में समय पर डाक्टर भी नहीं मिल रहे हैं, ना ही अस्पतालों में साफ-सफाई है। सफाई कर्मियों को वेतन भी समय से नहीं मिलता है। जहां मरीज भर्ती होते हैं वहीं मवेशियों का घूमना आम बात हो चुकी है। मवेशियों को अस्पतालों में घूमता देखकर भी यहां की व्यवस्था सही नहीं की जाती है। इस अस्पताल की बुरी व्यवस्था को देख स्थानीय विधायक बापूसिंह तंवर ने भी कई बार नाराजगी जताई है।

जांच के लिए मरीज जाते हैं दुसरे केंद्र 

बता दें कि जिला मुख्यालय पर स्थित इस जिला अस्पताल में हर दूसरे दिन गंदगी समेत अव्यवस्थाएं नजर आती हैं। खास जांच अस्पताल में कराने के बजाय मरीज दुसरे निजी जांच केंद्रों में जाकर जांच करवाते हैं। यही नहीं जिला अस्पताल में विशेषज्ञों के साथ स्टाफ की भी कमी है। अस्पताल में 40 प्रतिशत पद खाली हैं, जिसके कारण डिलेवरी के समय महिलाओं से लेकर घायल आयर गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। मरीजों को रेफर करना अहन आम बात हो चुकी है। क्योंकि अस्पताल में गंदगी फैली होती है, इसलिए मरीज भी अस्पताल आना नहीं चाहते। यहां के टॉयलेट भी बेहद गंदे है। इस पर बीते कुछ दिनों पहले विधायक ने खुद निरिक्षण किया था और सवाल भी खड़े किये थे।

वार्डों में घूमते हैं मवेशी 

विधायक ने अस्पताल में हो रही इन गतिविधियों और अव्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य आयुक्त को भी बताया था, लेकिन इसके बावजूद इनमें कोई सुधार नहीं हुआ। अस्पताल के कई वार्डों में गाय घूमती देखि गई है। गत शुक्रवार को भी सुबह के वक्त मवेशी घूमते नजर आए।

समय पर नहीं मिलती एम्बुलेंस

राजगढ़ जिले के हाईवे के अलावा कई ऐसे भी मामले सामने आए जिसमें समय पर घटनास्थल पर एंबूलेंस तक समय पर नहीं पहुंचती है। कई बार ऐसी परिस्थितियों में लोगों को 100 नंबर दयाल करना पड़ जाता है। गांव की सड़कों पर हादसे के वक्त एंबूलेंस समय से नहीं पहुंच पाती है। ऐसी स्थिति में दयाल 100 घटनास्थल पर पहुंच कर अस्पताल पहुंचती है। कई बार तो आने-जाने वाले वाहन घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं।

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