CG Elections: छठ पर मतदान से राजनीतिक पार्टियां टेंशन में, भाजपा-कांग्रेस बोलीं तारीख पर पुनर्विचार करे आयोग
छठ महापर्व के शुरुआत के दिन 17 नवंबर को मतदान पर कांग्रेस-भाजपा ने पुनर्विचार करने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। सामाजिक संस्थाओं के साथ अब राजनीतिक संगठन भी इस मुद्दे को लेकर सामने आने लगे हैं। आम आदमी पार्टी ने भी तारीख बदलने के लिए निर्वाचन कार्यालय को चिट्ठी लिखी है। उपमुख्यमंत्री सिंहदेव भी चाहते हैं इस पर विचार हो और तारीख बदली जाएं।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। छठ महापर्व के शुरुआत के दिन 17 नवंबर को मतदान पर कांग्रेस-भाजपा ने पुनर्विचार करने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। सामाजिक संस्थाओं के साथ अब राजनीतिक संगठन भी इस मुद्दे को लेकर सामने आने लगे हैं।
आम आदमी पार्टी ने भी तारीख बदलने के लिए निर्वाचन कार्यालय को चिट्ठी लिखी है। भोजपुरी समाज के प्रतिनिधियों के मुताबिक प्रदेश में दो लाख से अधिक महिलाएं भोजपुरी समाज से हैं, वहीं परिवारजन भी महापर्व में सहभागी होंगे। ऐसे में 17 नवंबर को मतदान के दिन मतदान प्रक्रिया पर विपरीत असर पड़ सकता है।
उपमुख्यमंत्री सिंहदेव भी चाहते हैं इस पर विचार हो
इस मामले में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग की सारी कवायद शत-प्रतिशत मतदान के लिए हैं तो 17 नवंबर के मतदान के दिन पर विचार करना चाहिए। छठ महापर्व यानि सूर्य उपासना का पर्व किसी एक तिथि को नहीं बल्कि चार दिन पहले से आरंभ हो जाता है। इसमें पूरा परिवार लगा होता है। ऐसे में मतदान प्रतिशत पर प्रभाव पड़ सकता है। यह न सिर्फ राजनीतिक दल के प्रत्याशियों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी परेशानी का समय हो सकता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को चुनाव की तिथि को लेकर विचार करने का आग्रह किया है।
मतदाताओं को हो सकती है असुविधा
नेताम पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर मतदान तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है। नेताम ने कहा कि शुद्धता और सात्विक तरीके से मनाए जाने वाले छठ पर्व के कारण मतदाताओं को असुविधा हो सकती है। मतदान पर भी इसका असर पड़ सकता है। झारखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में उत्तर छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं। इनमें से कई परिवार छठ पर्व मनाने के लिए घर चले जाएंगे। ऐसे में हजारों लोग मतदान नहीं कर पाएंगे।
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