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CG Election 2023: छत्तीसगढ़ में भी चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम चेहरे पर रार, राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें

सीएम पद के चेहरे को लेकर मची इस रार के बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा बुधवार को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी। इसमें चुनावी रणनीति पर मंथन किया जाएगा। यह बैठक मुख्यमंत्री निवास पर होगी।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 10 May 2023 06:04 AM (IST)
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CG Election 2023: छत्तीसगढ़ में भी चुनाव से पहले कांग्रेस में सीएम चेहरे पर रार, राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें
रायपुर, मृगेंद्र पांडेय। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक से पहले नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अंबिकापुर में कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा केंद्रीय संगठन तय करेगा। यह भी कहा कि यहां टीएस सिंहदेव सहित सभी मंत्री काम कर रहे हैं, कोई भी मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकता है। मरकाम को सीएम विरोधी खेमे का माना जाता है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी यह कहकर संगठन की चिंताएं बढ़ा दी हैं कि पहली बार चुनाव जीतना आसान होता है, लेकिन दूसरी बार चुनाव में जाने से पहले उपलब्धियां बतानी होती हैं। बाद में स्थतियां बदल जाती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार यह दावा कर रहे हैं कि सरकार हर वर्ग के लिए बेहतर काम कर रही है।

हालांकि, संगठन के नेताओं के अलग सियासी राग ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। अब तक कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भाजपा पर निशाना साधती रही है। मरकाम के बयान के बाद भाजपा को मौका मिल गया है। भाजपा ने छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने साफ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।

पिछली बार चार चेहरे को आगे करके कांग्रेस ने लड़ा था चुनाव

15 साल सत्ता से बाहर रही कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में चार वरिष्ठ नेताओं के चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ा था। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, साहू समाज के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के उस समय के एकमात्र सांसद ताम्रध्वज साहू और राज्य गठन के बाद सबसे लंबे समय तक प्रदेशाध्यक्ष रहे डा. चरणदास महंत को चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

ढाई-ढाई साल का फार्मूला चर्चा में रहा

मुख्यमंत्री पद की रेस में टीएस सिंहदेव अंतिम समय तक बने रहे थे। कहा जा रहा था कि कांग्रेस हाईकमान ने भूपेश व सिंहदेव के बीच ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी के बंटवारे का फार्मूला दिया है। जब सरकार के ढाई साल बीते तो यहां कुर्सी की दौड़ दोबारा शुरू हुई। विधायकों की दिल्ली परेड भी हुई, किंतु भूपेश कुर्सी बचाने में कामयाब रहे। ढाई साल के फार्मूले पर सिंहदेव खुलकर नहीं बोलते, पर उनकी नाराजगी छिपी हुई भी नहीं है।

सैलजा आज लेंगी बैठक

सीएम पद के चेहरे को लेकर मची इस रार के बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा बुधवार को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी। इसमें चुनावी रणनीति पर मंथन किया जाएगा। यह बैठक मुख्यमंत्री निवास पर होगी। करीब साढ़े तीन घंटे चलने वाली बैठक में एक-एक सीट को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। अभी प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 71 पर कांग्रेस के विधायक हैं।

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