CG Politics: छत्तीसगढ़ में सीएम चुनने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, आज तीन सदस्यीय दल पहुंचेगा रायपुर
छत्तीसगढ़ में जिन नामों की चर्चा खूब रही है उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह गोमती साय अरुण साव और ओपी चौधरी हैं। वहीं मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। । तीनों नेता शनिवार को रायपुर पहुंच जाएंगे और रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 09 Dec 2023 05:00 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। इनमें केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम शामिल हैं। तीनों नेता शनिवार को रायपुर पहुंच जाएंगे और 10 दिसंबर यानी रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो सकता है।
इन नामों की चर्चा हो रही खूब
छत्तीसगढ़ में जिन नामों की चर्चा खूब रही है उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, गोमती साय, अरुण साव और ओपी चौधरी हैं। इन सबके अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और आरएसएस से जुड़े नेता डॉ पूर्णेन्दु सक्सेना का नाम भी सीएम की दौड़ में शामिल हो गया है।
जानें कौन चुनेंगे हमारा मुख्यमंत्री
अर्जुंन मुंडा: केंद्र सरकार में जनजातीय मंत्रालय के मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके नाम सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड है। 2003 में इन्होंने 35 वर्ष की आयु में मुख्यमंत्री का पद संभाला था।सर्वानंद सोनोवाल: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं। इस लिहाज से भी उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें पूर्वोत्तर में भाजपा सरकार बनाने का अगुवा माना जाता है। सोनोवाल वर्ष 2012 और 2014 में दो बार असम भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2014 में संपन्न 16वें लोकसभा के चुनाव में वे लखीमपुर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए हैं।
दुष्यंत कुमार गौतम: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार को भी पार्टी ने पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है। वे हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। इनके पास राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव है। दुष्यंत गौतम दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वे तीन बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं।
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