CG Politics: हार की समीक्षा करती रहीं सैलजा, इधर खिसक गईं जमीन; क्या छत्तीसगढ़ में दोबारा खड़ी हो पाएगी कांग्रेस
कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर सर्जरी के बाद प्रदेश के भीतर भी पदों में फेरबदल की तैयारी की जा रही है। सबसे पहले जिला स्तरीय इकाइयों में नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी। प्रदेश कांग्रेस में संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नए प्रदेश प्रभारी के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कमेटी को मिलेगा। कुमारी सैलजा के कार्यकाल में भी उनके अनुभवों का लाभ मिला।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले राजीव भवन में पूर्व प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा हार के कारणों की समीक्षा कर रही थी,वहीं दूसरी तरफ हाइकमान की ओर से उन्हें हटाने की तैयारी हो चुकी थी। उन्हें क्या पता था कि हार के कारणों के साथ ही छत्तीसगढ़ से जमीन खिसक रही है।
यूपीए सरकार में मंत्री रही कुमारी सैलजा को 6 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव के एक साल पहले उन्हें छत्तीसगढ़ की कमान मिली। इससे पहले पीएल पुनिया प्रभारी रहे। युवा नेता होने के नाते सैलजा को छत्तीसगढ़ का प्रभार दिया गया,लेकिन एक साल के कार्यकाल के भीतर विधानसभा चुनाव में कई आरोप लगे।
चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने सैलजा पर गंभीर आरोप लगाएं थे। उन्होंने कहा कि वे प्रभावशाली नेता के हाथों बिक गईं। वे हीरोइनों की तरह फोटो खिंचवातीं रही। सिर्फ सैलजा ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने कई बड़े पदाधिकारियों पर भी आरोप लगाएं कि सीटिंग विधायकों की टिकट जानबूझकर काटी गई। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी के विरोध में हाइकमान ने कांग्रेस नेताओं व पूर्व विधायकों को पार्टी से निष्कासित भी किया। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लगातार बयानबाजी और नाराजगी की वजह से सैलजा को कुर्सी गंवानी पड़ी।
प्रदेश में भी बदले जाएंगे कई पदाधिकारी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के भीतर मचे घमासान का खामियाजा प्रदेश प्रभारी को भुगतना पड़ा। आने वाले दिनों में प्रदेश स्तरीय कई पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर सर्जरी के बाद प्रदेश के भीतर भी पदों में फेरबदल की तैयारी की जा रही है। सबसे पहले जिला स्तरीय इकाइयों में नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
पायलट के अनुभव का लाभ मिलेगा
प्रदेश कांग्रेस में संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नए प्रदेश प्रभारी के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस कमेटी को मिलेगा। कुमारी सैलजा के कार्यकाल में भी उनके अनुभवों का लाभ मिला। पूरी उम्मीद है कि इस फैसले से प्रदेश कांग्रेस के भीतर मजबूती आएगी।हार के बाद दोबारा खड़ा करने की चुनौती
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में दोबारा खड़े करने की चुनौती सचिन पायलट के सामने होगी। राजस्थान के टोंक सीट से विधायक सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में ही कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें हैं।
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