Chattishgarh Crime News: म्यूजिक कंपोजर को किडनैप किया फिर कुल्हाड़ी और चाकू से किए लाश के 10 टुकड़े, धड़ अलग फेंका
Chattishgarh Crime News गैंग के मुखिया की स्कूटी को गिरवी रखा था। उधार रुपये और गिरवी की गाड़ी वापस न मिलने से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया था। घटना के 26 दिनों बाद पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश किया और गैंग के छह आरोपितों को गिरफ्तार किया।
By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Thu, 03 Nov 2022 08:12 PM (IST)
भिलाई, आनलाइन डेस्क। Chattishgarh Crime News: बलौदाबाजार जिले के सिमगा में आतंक मचाने वाले मोटिवेशनल गैंग के बदमाशों ने दुर्ग जिले के एक युवक की बेरहमी से हत्या करने के बाद उसकी लाश के 10 टुकड़े कर नौ टुकड़ों को नदी में बहा दिया। वहीं धड़ के पास के हिस्से को पिथौरा के पास झाड़ियों में फेंका था। मृतक म्यूजिक कंपोजर था और उसने अपना एल्बम बनाने के लिए साल भर पहले आरोपितों से एक लाख 60 हजार रुपये उधार में लिए थे।
वहीं गैंग के मुखिया की स्कूटी को गिरवी रखा था। उधार रुपये और गिरवी की गाड़ी वापस न मिलने से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया था। घटना के 26 दिनों बाद पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश किया और गैंग के छह आरोपितों को गिरफ्तार किया। वहीं चार आरोपित अभी तक फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है।पत्रकार वार्ता में मामले की जानकारी देते हुए एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने बताया कि बीते सात अक्टूबर को स्मृति नगर कालोनी में किराये पर रहने वाले निलेश डाहरे (22) लापता हो गया था। उसके भाई नितेश डाहरे ने स्मृति नगर चौकी में इसकी शिकायत की थी।
पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की थी। लेकिन, पतासाजी के दौरान जो जानकारी मिली उससे पुलिस को संदेह हुआ कि ये मामला गंभीर अपराध से संबंंधित है। निलेश डाहरे का मोबाइल लोकेशन खोजने पर उसका लास्ट लोकेशन सिमगा के ग्राम कचकोन का मिला। पुलिस की टीम सिमगा गई तो वहां पर उसकी स्कूटी भी मिली।इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो गांव वालों से पता चला कि सिमगा में मोटिवेशनल गैंग का नाम का बदमाशों का एक गिरोह है। इस गिरोह के सदस्य के शराब व गांजा तस्करी करते हैं और उन पर ही निलेश की हत्या की आशंका जताई। इस पर पुलिस की टीम ने सिमगा में कैंप किया और गोपनीय रूप से जांच शुरू की। हत्या का संदेह पुख्ता होने पर पुलिस ने गिरोह के मुखिया अमरजीत उर्फ मोंटू महेश्वरी व पांच सदस्य हरेंद्र उर्फ फोकली महेश्वरी, वरुण सोनकर, भोजराम निषाद, मनीष राव गायकवाड़ और भूपत साहू को हिरासत में लिया। सभी आरोपित ग्राम कचकोन सिमगा जिला बलौदा बाजार के रहने वाले हैं।
पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को जानकारी दी कि उन्होंने ही सात अक्टूबर को निलेश डाहरे का अपहरण किया था। सभी आरोपित एक आर्टिगा कार से भिलाई आए थे और निलेश को जबरिया कार में बैठाकर सिमगा लेकर गए। वहीं उनका एक साथी स्कूटी को चलाते हुए सिमगा तक ले गया। सिमगा में ले जाने के बाद आरोपित उसे लेकर गांव की झाड़ी वाले क्षेत्र में ले गए और डंडे से पीट पीटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को आरोपित वरुण सोनकर के घर पर लेकर गए। वहां पर आरोपितों ने शव को कुल्हाड़ी और चाकू से काटा।
लाश के 10 टुकड़े करने के बाद उसे बोरे में भरकर नौ टुकड़ों को शिवनाथ नदी में फेंक दिया। वहीं धड़ के हिस्से को पिथौरा के पास जंगल वाले क्षेत्र में फेंका था। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने पिथौरा के पास से धड़ का हिस्सा बरामद किया है। बाकी के हिस्सों की शिवनाथ नदी में तलाश की गई। लेकिन, कोई भी जानकारी नहीं मिली। आरोपितों के पास से घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, चाकू, डंडा और घटना में प्रयुक्त वाहन जब्त किया गया है। घटना में शामिल चार आरोपित राजा, अभिषेक, नईम और अभी फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है।
गैंग के मुखिया का दूर का मामा लगता था मृतकमृतक निलेश डाहरे, मोटिवेशनल गैंग के मुखिया अमरजीत उर्फ मोंटू महेश्वरी का दूर का मामा लगता था। इस कारण से उनकी पहचान थी। आरोपित जब भी अपराध करते तो वे लोग भागकर भिलाई ही आते थे और निलेश के यहां ही शरण लेते थे। इसी कारण से आरोपितों ने निलेश को म्यूजिक कंपोज करने के लिए कर्ज दिया था। वहीं मोंटू को रुपये की जरूरत पड़ी थी तो उसने अपनी स्कूटी भी उसके पास गिरवी रखी थी। साल भर बीतने के बाद आरोपितों ने निलेश से अपने रुपये की मांग की तो निलेश ने रुपये लौटाने से साफ इनकार कर दिया। वहीं जब उससे स्कूटी मांगी गई तो उसने स्कूटी देने से भी मना कर दिया। इसी बात से नाराज होकर आरोपितों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
सिमगा से लगे 20 गांवों में था आरोपितों का आतंकमोटिवेशनल गैंग का सिमगा से लगे 20 गांवों में काफी खौफ था। वे लोग दिन दहाड़े कुल्हाड़ी और हथियार लहराते हुए गांव में घूमते थे। उनके डर के कारण कोई भी ग्रामीण उनके खिलाफ शिकायत नहीं करता था। साल भर पहले एक ग्रामीण ने उनकी शिकायत भी की थी। लेकिन, जेल से छूटने के बाद सभी ने मिलकर ग्रामीण को जमकर पीटा था। इसके बाद से कोई भी उनकी शिकायत नहीं करता था।
जब हत्या के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी हुई तो उनसे प्रभावित 20 गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। आरोपित शराब और गांजा की तस्करी करते थे। वे लोग हफ्ते में एक दिन करीब 100 पेटी शराब गांव में लाकर खपाते थे। इसके अलावा वे लोग गांजा व नशीली दवाइयों की भी तस्करी करते थे।
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