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Chhattisgarh Cabinet Oath: छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल का विस्तार, इन 9 विधायकों ने ली शपथ

Chhattisgarh Cabinet Oath मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट का आज गठन हो गया है। सीएम ने अपनी कैबिनेट में नौ नए मंत्रियों को शामिल किया है। सीएम ने राज्यपाल भवन में नौ कैबिनेट मंत्रियों के नामों की घोषणा की जिसके बाद सभी विधायकों ने बारी-बारी से शपथ ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ मंत्रियों के अलावा बाकी मंत्रियों को भी जल्द शामिल किया जाएगा।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Fri, 22 Dec 2023 12:33 PM (IST)
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Chhattisgarh Cabinet Oath छत्तीसगढ़ कैबिनेट का गठन हुआ।

एएनआई, रायपुर। Chhattisgarh Cabinet Oath छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट का आज गठन हो गया है। सीएम ने अपनी कैबिनेट में नौ नए मंत्रियों को शामिल किया। सीएम ने राज्यपाल भवन में नौ कैबिनेट मंत्रियों के नामों की घोषणा की, जिसके बाद सभी विधायकों ने बारी-बारी से शपथ ली। 

इन 9 विधायकों ने ली शपथ

  • इस बीच भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद की शपथ ले ली है।
  • भाजपा विधायक रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े ने भी शपथ ले ली है।

सरगुजा से सबसे ज्यादा मंत्री

सरगुजा संभाग से सबसे ज्यादा मंत्री बने हैं, जिसके सीएम खुद शामिल हैं। इस संभाग से मुख्यमंत्री साय, रामविचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल और लक्ष्मी राजवाड़े शामिल हैं। इस बार सरगुजा संभाग से सभी 14 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं।

विधायक लक्ष्मी राजवाड़े का आया बयान

मंत्री पद की शपथ लेने से पहले भाजपा विधायक लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि भाजपा ने मेरे जैसी छोटी पार्टी कार्यकर्ता को मौका दिया, मुझे खुशी है कि मैं सिर्फ भटगांव विधानसभा क्षेत्र का ही नहीं बल्कि पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करूंगी। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए पार्टी के निर्देशानुसार काम करूंगी।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ मंत्रियों के अलावा बाकी मंत्रियों को भी जल्द शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गवर्नर हाउस में हमारे मंत्रिमंडल के नये सदस्य शपथ ले रहे हैं, जिनकों बाद में जिम्मेदारी दी जाएगी।

इससे पहले 17 दिसंबर को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट गठन में सोशल इंजीनियरिंग और बंटवारे को तरजीह दी गई थी। इसके साथ ही चुनावी घोषणापत्र और पार्टी के एजेंडे को लेकर भी गहन चर्चा हुई।