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Chhattisgarh Politics: सीएम बघेल ने कहा- गांधीगिरी का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है?

बघेल ने कहा कि एक छत्तीसगढ़िया नागरिक होने की हैसियत से मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई जब मैंने देखा कि भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे। हमारी महिला पुलिस की बच्चियां लाठी खाते रहीं लेकिन अपने कर्तव्य पर डटी रहीं। मैं उन्हें बधाई देता हूं।

By Priti JhaEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 09:24 AM (IST)
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Chhattisgarh Politics: छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर, ऑनलाइन डेस्क। छत्‍तीसगढ़ के रायपुर में भाजपा के रोजगार मुद्दे पर हुए प्रदर्शन में युवा मोर्चा के नेताओं द्वारा पुलिस को थप्पड़ मारने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं से पूछा कि क्या जवानों को मारना और गाली देना छत्तीसगढ़ की संस्कृति है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ मारपीट करने के मामले में रायपुर के अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज की गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, आज मैं मुख्यमंत्री हूं तब भी....

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग पिछले एक साल से लगातार प्रयासरत हैं कि कैसे पुलिस को उकसाएं, जनता को उकसाएं और प्रदेश में हिंसा हो, शांति भंग हो। उन्होंने बताया कि जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तब भी ये लोग मेरे घर पर पत्थर फेंकते थे, कालिख पोतते थे। आज मैं मुख्यमंत्री हूं, तब भी ये यही कर रहे हैं। ये अंतर है उनकी उत्तेजक मानसिकता और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में।

गांधीगिरी का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पार्टी के कार्यकर्ता गालियां दे-दे कर पुलिस को लाठीचार्ज के लिए उकसाते रहे और हमारे जवान मुस्कुरा कर विनती करते रहे। यह हैं हमारे छत्तीसगढ़िया संस्कार। ये कांग्रेस पार्टी है साहब, हम गांधीवादी लोग हैं। गांधीगिरी का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है?

छत्तीसगढ़िया नागरिक होने की हैसियत से मुझे शर्मिंदगी हुई

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि एक छत्तीसगढ़िया नागरिक होने की हैसियत से मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई, जब मैंने देखा कि भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे। हमारी महिला पुलिस की बच्चियां लाठी खाते रहीं, गालियां सुनीं, लेकिन अपने कर्तव्य पर डटी रहीं। मैं उन्हें बधाई देता हूं कि इस बर्बर व्यवहार के बाद भी उन्होंने संयम रखा।

प्रण किया था लोकतंत्र की रक्षा करूंगा

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले मैंने विपक्ष में रहते हुए इनके दमन को सहा है। मेरी आवाज दबाने का भरसक प्रयास किया गया था। मैंने उसी समय प्रण किया था कि मैं छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की सदैव रक्षा करूंगा। आज मैं इनके कार्यकर्ताओं का भी मुख्यमंत्री हूं, मैं हमेशा इनके विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का भी संरक्षण करूंगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय को याद करिए जब बिलासपुर में कैसे इन्होंने कांग्रेस भवन के अंदर जाकर हमारे कार्यकर्ताओं के साथ अकारण हिंसा की थी। भाजपा राज में विरोध करने का अधिकार बचा कहां था। भाजपा की मानसिकता कहें या मास्टर प्लान, वह यही है कि जब तक लाठीचार्ज नहीं होगा। आंसू गैस के गोले नहीं फोड़े जाएंगे, वाटर कैनन नहीं चलेगा, परिवर्तन नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने जनता से मांगी माफी

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा का मुद्दा बेरोजगारी कभी नहीं था। इनका मुद्दा था पुलिस को उकसाएं, लाठी खाएं, माहौल बनाएं और फिर लाठीचार्ज ही मुद्दा बन जाए। ये भूल गए कि यहां छत्तीसगढ़िया सरकार है। लोकतंत्र अभी जिंदा है। मैंने अपनी पुलिस से यही कहा था कि हमें दिखाना है छत्तीसगढ़िया संस्कार क्या होते हैं। विपक्ष को बोलने दीजिए। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि जनता को प्रदर्शन से कितनी असुविधा हुई। नन्हें बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ। इसके लिए मैं जनता से क्षमाप्रार्थी हूं। 

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