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घोटालों के सूत्रधार पर प्रहार, कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बना शराब और कोयला घोटाला

भाजपा नेतृत्व द्वारा दिल्ली के कांग्रेसी आकाओं के लिए एटीएम के रूप में आरोपित रही भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के कोयला और शराब घोटाले का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जांच की फांस बढ़ने के साथ बाहर बचे मलाई का मजा लेने वाले सलाहकार दूरी बनाने लगे हैं। इस बढ़ते परिमाण का परिणाम तो समय तय करेगा।

By Jagran News Edited By: Mohd Faisal Updated: Mon, 29 Jan 2024 02:37 PM (IST)
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घोटालों के सूत्रधार पर प्रहार, भूपेश बघेल के लिए परेशानी का सबब बना शराब और कोयला घोटाला (फाइल फोटो)

सतीशचंद्र श्रीवास्तव, रायपुर। भाजपा नेतृत्व द्वारा दिल्ली के कांग्रेसी आकाओं के लिए एटीएम के रूप में आरोपित रही भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के कोयला और शराब घोटाले का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

जांच की फांस बढ़ने के साथ बाहर बचे मलाई का मजा लेने वाले सलाहकार दूरी बनाने लगे हैं। इस बढ़ते परिमाण का परिणाम तो समय तय करेगा, परंतु केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के कारण समानांतर जांच के नाम पर अड़ंगेबाजी करने वालों को बड़ा झटका लग चुका है।

सौम्या चौरसिया समेत अन्य नेता गए जेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में सुपर सीएम का दर्जा पा चुकी सौम्या चौरसिया के साथ अन्य मंत्री, नेता और अधिकारी तो पहले ही जेल में हैं, अब दो पूर्व मंत्री कवासी लखमा और अमरजीत भगत का भी नाम भी शामिल हो गया है।

कोयला घोटाले में हैं 35 नाम

ईडी द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज केस के अनुसार, शराब घोटाले में अगर 70 आरोपित हैं तो कोयला घोटाले में 35 नाम हैं। बौखलाए बघेल ने इसे संसदीय चुनाव के पहले कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश बताई है। सभी को अंदाजा है कि 2,701 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के इन दोनों घोटालों में अगला नाम किसका जुड़ेगा, परंतु मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शांत हैं। मानो विपक्ष को भड़ास निकालने का मौका दिया जा रहा है। कार्रवाई समानांतर और निर्वाध गति से आगे बढ़ रही है।

बोतल से बाहर आया जिन्न कोयला के भ्रष्टाचार से चार गुना बड़ा हो चुका है। कहां प्रति क्विंटल 25 रुपये की दर से इकट्ठा किया गया कोयला घोटाले का 540 करोड़ रुपया और कहां शराब घोटाले के 2,161 करोड़ रुपये। मौसम परिवर्तन के दौर के साथ नजदीक आते संसदीय चुनाव ने राज्य की राजनीति में गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ा दी है। अब आकलन ही किया जा सकता है कि जांच की जद में और कौन-कौन आएगा तथा एसीबी का शिकंजा किसके-किसके गिरेबान तक पहुंच जाएगा।

सीबीआई को सौंपी जा सकती है जांच

भूपेश सरकार के नीति निर्धारकों की अघोषित संपत्ति की जांच के लिए भाजपा नेता पिछले कई वर्षों से प्रमाण प्रसारित कर रहे थे। नौकरशाहों के विरुद्ध प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायतें की गई थीं। ईडी ने तथ्यों को संग्रहित कर कांग्रेसी नेताओं और भ्रष्ट नौकरशाहों की परेशानियां बढ़ा दी है। सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में अधिकारियों के निकट संबंधियों की नियुक्ति की जांच पहले ही सीबीआई तक पहुंच चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि कोयला व शराब घोटाले की जांच भी सीबीआई को सौंप दी जाएगी।

कांग्रेस के लिए परेशानी बना शराब और कोयला घोटाला

शराब और कोयला घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अमरजीत भगत, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव समेत कई पूर्व विधायकों के नाम आने से मामला संगीन हो गया है। शराब और कोयला घोटाले में कुछ ब्यूरोक्रेट और कारोबारी अभी जेल में हैं, लेकिन एफआईआर की जद में आए कुछ अफसर व नेता अभी बाहर हैं, उनका क्या होगा, इस पर कयासों का बाजार गर्म है। विधानसभा चुनाव में हार से सदमें में घिरी कांग्रेस के लिए शराब और कोयला घोटाले का नया पेच मुश्किलों से भरा हो सकता है।

लोकसभा चुनाव में दोनों घोटालों को लेकर भाजपा का तीर कांग्रेस पर चलना तय माना जा रहा है। घोटाले को लेकर एफआईआर के बाद दोषियों की गिरफ्तारी का भी लोगों को इंतजार है। सत्ता परिवर्तन के बाद भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। ईडी की हर कार्रवाई के साथ प्रदेश की जनता को सौम्या चौरसिया के एकछत्र राज की याद ताजा हो जा रही है। किस तरह उप सचिव स्तर की महिला अधिकारी मुख्य सचिव और मंत्रियों तक पर धौंस जमाती थी।

शराब घोटाले में आए 70 आरोपियों के नाम

आईएएस समीर बिश्नोई और रानू साहू के साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक चंद्रदेव राय बृहस्पत सिंह एवं यूडी मिंज, कांग्रेस कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, कोयला कारोबारी व कांग्रेस नेता सूर्य कांत तिवारी के नाम कोयला घोटाले में बड़े नामों के रूप में दर्ज हैं। इसी तरह आइएएस अरुणपति त्रिपाठी और निरंजन दास के साथ अनिल टूटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और कारोबारी नेता अनवर ढेबर सहित 70 आरोपियों के नाम शराब घोटाले में आ चुके हैं।

आरोपियों को नहीं मिल पा रही जमानत

कोयला और शराब घोटाले में मुख्य अंतर यही है कि अदालत में पहुंचने पर कोयला घोटाले के आरोपितों को जमानत नहीं मिल पा रही है, जबकि शराब घोटाले का दायरा बड़ा होते हुए भी आरोपी जमानत से बचने का रास्ता निकालने में सफल हैं। उम्मीद की जा रही है कि संसदीय चुनाव के पहले कांग्रेस आलाकमान के एटीएम तक जांच पहुंच जाएगी।

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कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश जारी है- भूपेश बघेल

भूपेश बघेल का दावा है कि पिछले तीन साल से ईडी और इनकम टैक्स की टीमें जांच में जुटी हैं, पर मामला आरोपों तक ही सीमित है। उनके अनुसार, कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश लगातार जारी है। भूपेश के साथ-साथ टीएस सिंहदेव को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाओं ने जांच की गति को और प्रासंगिक बना दिया है।

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