छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में तीर-धनुष से पुलिस पर हमला, 13 जख्मी; पेड़ों की कटाई को लेकर हुआ विवाद
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में प्रस्तावित परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई।जबकि पुलिस के मुताबिक ग्रामीणों के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी तीर धनुष डंडा गुलेल पत्थर कुल्हाड़ी लेकर विरोध करने आए थे।
जेएनएन, अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के अंतर्गत हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर गुरुवार को ग्रामीण और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए। ग्रामीणों ने तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इसमें दो निरीक्षक सहित 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिसकर्मी के जांघ में लगा तीर
ग्रामीणों के हमले से कोटवार भी जख्मी हुआ है। उग्र भीड़ को पुलिस द्वारा खदेड़े जाने पर कुछ ग्रामीणों को भी चोटें आई हैं। घायल पुलिसकर्मियों का उदयपुर अस्पताल में उपचार कराया गया। एक आरक्षक को रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया है। उसकी जांघ में तीर लगा है।
तीर, धनुष, डंडा, गुलेल, पत्थर, कुल्हाड़ी से किया हमला
घायल ग्रामीणों का उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तारा में कराया गया है। सरगुजा के पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने बताया कि प्रदर्शनकारी तीर, धनुष, डंडा, गुलेल, पत्थर, कुल्हाड़ी लेकर विरोध करने आए थे। उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से विरोध करने को कहा गया तो पुलिस बल पर हमला किया गया। भीड़ को वहां से हटा दिया गया। अब स्थिति सामान्य है।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन संगठन ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (सीबीए) हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों के आवंटन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है, संगठन ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। सीबीए के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा कि सीबीए राजस्थान को कोयले की आपूर्ति करने और अदाणी के कारोबार का विस्तार करने के लिए हसदेव जंगल में एक नई खदान, परसा कोयला ब्लॉक को जबरदस्ती खोलने के लिए निहत्थे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज और दमनकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने दावा किया कि लाठीचार्ज में कई ग्रामीण घायल हुए हैं।
इस परियोजना की मंजूरी के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया
पीटीआई के मुताबिक उन्होंने दावा किया कि परसा कोयला खदान के लिए वन और पर्यावरण मंजूरी फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया है। सीबीए इस खदान के लिए सभी मंजूरी को तत्काल रद्द करने की मांग करता है। हरिहरपुर, साल्ही, फतेपुर गांवों की ग्राम सभाओं ने कभी भी परसा परियोजना के लिए वन मंजूरी के लिए सहमति नहीं दी है।
उन्होंने बताया कि 2021 में 30 गांवों के 350 से अधिक ग्रामीण 300 किमी लंबी पदयात्रा कर रायपुर पहुंचे थे, जहां तत्कालीन राज्यपाल ने मामले की जांच का आश्वासन दिया था। छत्तीसगढ़ विधान सभा ने 2022 में (कांग्रेस शासन के दौरान) सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था कि हसदेव क्षेत्र में खनन गतिविधियाँ नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा, इस साल, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने परसा खदान के लिए कथित फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव की जांच शुरू की।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा
उन्होंने दावा किया कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हसदेव अरंड क्षेत्र में खनन से 1,70,000 हेक्टेयर जंगल नष्ट हो जाएगा और मानव-हाथी संघर्ष शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम वनों की कटाई पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हैं। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई पर राज्य सरकार की आलोचना करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।