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    मदनवाड़ा में मुठभेड़, सेंट्रल कमेटी के सचिव और डीवीसी मेंबर ढेर; लंबे समय से आरकेबी डिविजन में छिपते फिर रहे थे माओवादी कैडर

    छत्तीसगढ़ के कांकेर-बस्तर सीमा पर मंडा पहाड़ में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो माओवादी कैडर विजय रेड्डी और लोकेश सलामे मारे गए। भारी बारिश के बीच संयुक्त सुरक्षा बल ने ऑपरेशन किया और पुलिस अधीक्षक ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। फिलहाल शवों की शिनाख्त की जा रही है।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:57 PM (IST)
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    मदनवाड़ा में मुठभेड़, सेंट्रल कमेटी के सचिव और डीवीसी मेंबर ढेर

    जेएनएन, नई दिल्ली। मानपुर के मदनवाड़ा क्षेत्र के कांकेर-बस्तर सीमा से लगे मंडा पहाड़ में संयुक्त सुरक्षाबल के साथ मुठभेड़ में दो बड़े माओवादी कैडर के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। मारे गए कैडर्स में आरकेबी डिवीजन में मौजूद रहे सेंट्रल कमेटी के सचिव विजय रेड्डी और डीवीसी मेंबर लोकेश सलामे शामिल बताए जा रहे हैं। संयुक्त सुरक्षा बल ने भारी बारिश के बीच इस आपरेशन को अंजाम दिया है।

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    शवों को रात तक मोहला मुख्यालय लाए जाने की संभावना है। पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि, दो शवों को बरामद किया गया है इनकी शिनाख्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ बुधवार की दोपहर मदनवाड़ा क्षेत्र के ग्राम रेतेगांव व कारेकट्टा के बीच मंडा पहाड़ के जंगल में दोपहर को तब शुरु हुई जब टीम सर्चिंग आपरेशन के लिए पहुंची।

    शाम तक फायरिंग बंद होने के बाद जवानों आसपास सर्च आपरेशन शुरु किया। जहां माओवादी सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य विजय रेड्डी और लोकेश सलामे के शव बरामद किए गए हैं। जंगल में कुछ और जगहों पर खून के निशान मिले हैं। पुलिस का मानना है कि, मौके से कुछ माओवादी छिपकर भाग खड़े हुए। जानकारी है कि, इंटेलिजेंस ने इस इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की पुष्टि की थी।

    इसके बाद उन्हें घेरने रणनीति बनाई गई। इसमें लोकल इनपुट्स की भी मदद ली गई। मारे गए आरकेबी डिविजन का सचिव विजय रेड्डी यहां माओवादी कैडर्स में सबसे ज्यादा प्रभावशाली था। वह फंडिंग के अलाव माओवादी रणनीतियां तैयार करता था।

    वहीं, मोहला-मानपुर पुलिस दो सालों से लोकेश सलामे के आत्मसमर्पण का प्रयास कर रही थी। इसे लेकर उसके लोकेश के स्वजनों तक भी पहुंची थी जहां परिवार ने लोकेश को लौट आने की अपील की थी। गौरतलब है कि, यह मुठभेड़ माओवादी कमांडर श्रीकांत पुनेम उर्फ सुकनाम पुनेम को पांच दिनों पहले ही खुर्सेखुर्द से गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई है।