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छत्तीसगढ़ को मिला देश का 56वां टाइगर रिजर्व, गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व घोषित

इस ऐतिहासिक कदम पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह न केवल राज्य के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को सशक्त करेगा बल्कि पर्यटन और स्थायी विकास को भी प्रोत्साहन देगा।

By Jagran News Edited By: Gaurav Tiwari Updated: Tue, 19 Nov 2024 11:57 AM (IST)
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गुरु घासीदास-तमोरपिंगला देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।
डिजिटल टीम, रायपुर। छत्तीसगढ़ ने वन्यजीव संरक्षण और हरित भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। गुरु घासीदास-तमोरपिंगला क्षेत्र को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। यह नया टाइगर रिजर्व न केवल बाघों के संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि वन्यजीवों और उनके आवास के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से जैव विविधता को संरक्षित करते हुए हरित और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जाएगी।

इस ऐतिहासिक कदम पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह न केवल राज्य के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को सशक्त करेगा, बल्कि पर्यटन और स्थायी विकास को भी प्रोत्साहन देगा।

गुरु घासीदास नेशनल पार्क के नाम को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। अब सरकार ने 18 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है। यह पार्क गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा। लंबे इंतजार के बाद इसे टाइगर रिजर्व का दर्ज दिया गया है।

देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व

गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2829.387 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व होगा। आंध्रप्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किमी के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। वहीं, असम का मानस टाइगर रिजर्व 2837.1 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ देश दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है।

वन्य प्राणियों का पसंदीदा स्थल

गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व जैव विविधता का बड़ा केंद्र हैं। कई बारहमासी नदियों का उद्गम और प्रवाह एरिया होने के कारण यह वन्य प्राणियों का पसंदीदा स्थल है। टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आने से बाघों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। नया टाइगर रिजर्व बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के साथ उनकी उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिए टाइगर रिजर्व बेहद जरूरी था।

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