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Chhattisgarh News: रेलवे स्टेशन पर संदिग्धों को पकड़ेगा 'थ्रेट डिटेक्टिव सिस्टम', जानिए कैसे काम करेगी मशीन

भीड़भाड़ वाली जगहों पर अब संदिग्ध वस्तु और व्यक्ति को पहचानना अब संभव हो पाएगा। भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॅालेज के सीएस विभाग की बनाई डिवाइस से जोकि तीन लेयर की सुरक्षा प्रदान करेगी। इसे डिटेक्टिव सिस्टम का नाम दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 14 Feb 2023 09:46 PM (IST)
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भीड़ वाली जगहों पर सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने के लिए डिवाइस बनाया गया।

टी. सूर्या राव, भिलाई। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और ऐसी ही तमाम भीड़भाड़ वाली जगहों पर अब संदिग्ध वस्तु और व्यक्ति को पहचानना आसान होगा। इससे समय पर कार्रवाई की जा सकेगी। यह संभव हो पाएगा भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॅालेज के सीएस विभाग की बनाई डिवाइस से, जोकि तीन लेयर की सुरक्षा प्रदान करेगी। इसे डिटेक्टिव सिस्टम का नाम दिया गया है।

भीड़ वाली जगहों पर सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने वाली इस डिवाइस को बनाने में लगभग 15 हजार रुपये का खर्च आया है। अब इसकी टेक्नोलॅाजी उस कंपनी को ट्रांसफर की जाएगी, जो इच्छुक होगी। इस डिवाइस को सरकार ने पेटेंट दे दिया है।

ऐसे काम करेगी मशीन 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली इस डिवाइस की मदद से कैंपस में भीतर आने वाले हर एक व्यक्ति की स्कै¨नग हो जाएगी। डिवाइस में लगा स्पेशल कोडिंग युक्त कैमरा सिस्टम हर व्यक्ति के हावभाव को परखेगा। चेहरे के हावभाव को स्कैन करने पर यदि कुछ भी संदिग्ध लगा तो इसकी सूचना सीधे सुरक्षा अधिकारी तक पहुंचेगी। साथ ही कैंपस में मौजूद कोई व्यक्ति अपने साथ क्या सामान लाया और क्या ले गया, इसका ब्योरा भी डिवाइस रखेगी। लावारिस सामान दिखने पर डिवाइस अलार्म बजाएगी व इसकी सूचना व्यक्ति की फोटो और वीडियो सहित सुरक्षा कार्यालय को भेजेगी।

नहीं किया जा सकता हैक

डिवाइस बनाने वाली फैकल्टी के डा. हूमा खान, डा. आराधना साहू और सुशील जनार्दन ने बताया कि डिवाइस की कोडिंग पूरी तरह से एंड-टू-एंड इनक्रिप्टिव है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता। दुर्घटना से पहले करेगी आगाहयह डिवाइस रेलवे स्टेशन में बेवजह बैठे और पटरियों व अन्य जगहों पर टहल रहे व्यक्तियों की जानकारी भी भेजेगी।

इसकी मदद से उन लोगों को भी बचाया जा सकेगा, जो आत्महत्या के इरादे से रेलवे ट्रैक पर पहुंचते हैं। संदिग्धों की होगी पहचानडा. हूमा ने बताया कि स्टेशन पर इस डिटेक्टिव डिवाइस की मदद से संदिग्धों और अपराधियों को तलाशना आसान हो जाएगा। डिवाइस के डेटा बेस में संदिग्ध का फोटो, कदकाठी जैसी जानकारियां फीड करने के बाद इसकी हाईटेक आंखें पूरे परिसर में उसकी तलाश करेंगी।

वेश बदलकर आने वाले को भी इसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम खोज लेगा। रूंगटा आर-1 ग्रुप के डायरेक्टर सोनल रूंगटा ने बताया कि इस डिवाइस को जल्द ही भारतीय रेलवे को सौंपने की तैयारी है। इसकी टेक्नोलाजी सिर्फ शासकीय सुरक्षा एजेंसियों को ही ट्रांसफर की जाएगी।

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