Chhattisgarh Politics: BJP के खिलाफ छह घोटालों को लेकर ED का दरवाजा खटखटाएगी कांग्रेस, CM बघेल ने लगाए ये आरोप
CM ने कहा कि महादेव एप के नाम पर सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की संपत्ति कई गुना बढ़ी ईडी इसकी कब जांच करेगी? महादेव एप तथा अन्य अनेक आनलाइन गेमिंग एप पूरे देश में चल रहे हैं। भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश हरियाणा गुजरात उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है।
By Mrigendra PandeyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 28 Aug 2023 05:30 AM (IST)
रायपुर, राज्य ब्यूरोः ईडी और आइटी की कार्रवाई के बीच अब कांग्रेस छह घोटालों को लेकर भाजपा को घेरने जा रही है। कांग्रेस ने महादेव एप, नान घोटाला, शौचालय घोटाला, चिटफंड घोटाला, रतनजोत घोटाला और उज्जवला घोटाले को लेकर सवाल किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इन घोटालों को लेकर ईडी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव एप के नाम पर सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की संपत्ति कई गुना बढ़ी, ईडी इसकी कब जांच करेगी? महादेव एप तथा अन्य अनेक आनलाइन गेमिंग एप पूरे देश में चल रहे हैं।
भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ईडी क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है। जब छत्तीसगढ़ में आंध्र प्रदेश की एफआइआर के आधार पर कार्रवाई हो रही है तो देश के किसी भी राज्य में किसी एफआइआर के आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के विशेष प्रयासों के कारण ही महादेव एप से संबंधित दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सैकड़ों करोड़ की गड़बड़ी का पर्दाफाश किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महादेव एप घोटाले में भाजपा के शक्तिशाली व्यक्ति शामिल हैं। ईडी द्वारा भाजपाइयों को बचाने के षड्यंत्र की आड़ में मेरे निकट सहयोगियों एवं घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पुलिस अधिकारियों को फंसाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य कार्यक्रम-5 में यह जानकारी दी गई है कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 73.5 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय है। रमन सिंह के कार्यकाल में ही पूरे राज्य को ओडीएफ घोषित किया जा चुका था।
इसका अर्थ यह है कि राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के शत् प्रतिशत परिवारों के पास शौचालय की सुविधा हो चुकी है। एक अनुमान के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की संख्या लगभग 50 लाख है। उनमें से 26.5 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय नहीं है। एक शौचालय की लागत 12,500 है। इसका अर्थ यह है कि लगभग 1500 करोड़ के शौचालय सिर्फ कागजों पर बने हैं। पूरी राशि को भाजपाइयों ने बंदरबांट कर ली है।
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