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Chhattisgarh: नारायणपुर-दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाके में मुठभेड़ के दौरान सात नक्सली ढेर, ऑपरेशन जारी

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर दंतेवाड़ा और कोंडागांव में नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ में कम से कम सात नक्सली मारे गए। शुक्रवार रात हुई मुठभेड़ में घायल हुए नारायणपुर डीआरजी के तीन जवानों को पूर्वी बस्तर डिवीजन के अंतर्गत गोबेल इलाके से हवाई मार्ग से अस्पताल ले जाया गया। 2 जून को नारायणपुर जिले के दुर्मी गांव में नक्सलियों ने एक मोबाइल टावर में आग लगा दी थी।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 08 Jun 2024 12:48 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, नारायनपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव की अंतर-जिला सीमा पर जिला रिजर्व समूह (डीआरजी) के जवानों के साथ मुठभेड़ में कम से कम सात नक्सली मारे गए। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने कहा, "हथियार बरामद कर लिए गए हैं। यह ऑपरेशन फिलहाल जारी है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से सात नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।

सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की गोलाबारी का दिया जवाब

शुक्रवार रात हुई मुठभेड़ में घायल हुए नारायणपुर डीआरजी के तीन जवानों को पूर्वी बस्तर डिवीजन के अंतर्गत गोबेल इलाके से हवाई मार्ग से अस्पताल ले जाया गया।

पुलिस ने कहा कि नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और जगदलपुर से डीआरजी की एक संयुक्त टीम आईटीबीपी की 45वीं बटालियन के साथ अबूझमाड़ इलाके में माओवादी विरोधी अभियान पर थी, तभी माओवादियों ने बलों पर गोलियां चला दीं और हमले का तेजी से जवाब दिया गया।

नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में मोबाइल टावर में लगा दी थी आग

इससे पहले 2 जून को नारायणपुर जिले के दुर्मी गांव में नक्सलियों ने एक मोबाइल टावर में आग लगा दी थी। 25 मई को बीजापुर के जप्पेमरका और कमकानार के जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद राज्य और केंद्र दोनों सरकारों के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है। क्षेत्र के घने जंगलों और कठिन इलाकों ने नक्सली समूहों को राज्य में अपना आधार स्थापित करने और संचालित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है।

अगले दो वर्षों ने देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा: अमित शाह

इससे पहले, मई में एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार ने नक्सलवाद से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं और देश अगले दो से तीन वर्षों में इस समस्या से मुक्त हो जाएगा। शाह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से उन आदिवासी क्षेत्रों तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंची हैं जो इससे वंचित रह गए थे।

उन्होंने कहा कि झारखंड, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त हैं और छत्तीसगढ़ के तीन या चार जिलों में समस्या बनी हुई है।

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