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Chhattisgarh: विष्णुदेव साई सरकार ने नक्सलियों को लेकर मांगे सुझाव, तो आने लगे चौंकाने वाले सुझाव, पढ़ें फीडबैक

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साई सरकार का डिजिटल प्रयास रंग ला रहा है। मई 2024 में राज्य के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने आत्मसमर्पित नक्सलियों की पुनर्वास नीति के लिए ऑनलाइन क्यूआर कोड गूगल फॉर्म और मेल आईडी जारी कर सुझाव मांगे थे। इसको लेकर बड़ी संख्या में सुझाव मिले हैं। ऐसे में सरकार के प्रयासों से प्रदेश में नक्सली आत्मसमर्पण के लिए मजबूर हो रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 06 Jul 2024 09:09 PM (IST)
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दशकों तक विकास की धारा में बाधक बने नक्सलवाद का अब छत्तीसगढ़ से खात्मा होता दिख रहा है।

संदीप तिवारी, रायपुर। दशकों तक विकास की धारा में बाधक बने नक्सलवाद का अब छत्तीसगढ़ से खात्मा होता दिख रहा है। इसके लिए प्रदेश की विष्णु देव साय की सरकार का डिजिटल प्रयास भी रंग दिखाने लगा है और नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है।

घर और नौकरी के लिए मिले सुझाव

मई 2024 में राज्य के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने आत्मसमर्पित नक्सलियों की पुनर्वास नीति के लिए ऑनलाइन क्यूआर कोड, गूगल फॉर्म और मेल आईडी जारी कर सुझाव मांगे थे। इसमें बड़ी संख्या में फीडबैक मिले हैं। कुछ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के बाद घर बसाने की इच्छा जाहिर की है तो कुछ घर और सुरक्षा दोनों चाहते हैं। आत्मसमर्पण की राशि बढ़ाने व स्व-रोजगार या फिर नौकरी देने के भी सुझाव मिल रहे हैं।

बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है। कई बार ऐसे लोगों को नक्सली मारने की कोशिश करते हैं। लिहाजा, नक्सली आत्मसमर्पण के बाद सुरक्षित जगह पर रहना चाहते हैं। साय सरकार के इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अब उनको अपनी बात कहने का मंच दे दिया है। इसके पहले गृह मंत्री विजय शर्मा नक्सलियों को मोबाइल फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत का प्रस्ताव दे चुके हैं।

वे कह चुके हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास नक्सलियों से वार्ता के सारे रास्ते खुले हैं। उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील करते पूछा था कि वह पुनर्वास के लिए किस तरह की नीति चाहते हैं, यह भी सरकार को बताएं। उल्लेखनीय है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत पिछले छह महीने में प्रदेश में 138 नक्सली मारे गए, जबकि 400 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया है।

सुझावों पर गोपनीय तरीके से हो रहा काम

सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों की ओर से मिल रहे ऑनलाइन फीडबैक पर गृह विभाग में गोपनीय तरीके से काम किया जा रहा है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सुगम आवास योजना, रोजगार के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण योजना की तैयारी है। स्वरोजगार के लिए कम ब्याज पर लोन और नक्सलियों के खिलाफ चल रहे पुलिस केस का त्वरित निपटारा या गंभीर मामलों में न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद करने के लिए योजना बनाई जा रही है।

पीड़ितों ने ऑनलाइन दर्ज कराई शिकायतें

नक्सलियों से पीड़ित लोगों ने भी ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराई हैं। शिक्षक बता रहे हैं कि नक्सली उनकी सैलरी का कुछ हिस्सा ले जाते हैं। एक राशन दुकानदार ने कहा कि नक्सली राशन लेकर भाग जाते हैं।

सुझावों के आधार पर जल्द ही आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति जारी की जाएगी।

विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री, छत्तीसगढ़

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