इस बार नहीं होगी 10वीं-12वीं की प्री बोर्ड परीक्षा; वीकली-मंथली टेस्ट और समय के अभाव को देखते हुए लिया निर्णय
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल इस बार 10वीं और 12वीं की प्री बोर्ड परीक्षा नहीं लेगा। स्कूलों में इस साल वीकली और मंथली टेस्ट लिया ही जा रहा है। समय के अभाव के चलते माशिमं ने यह फैसला लिया है। बता दें कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च से शुरू हो रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि अभी हाल में हुई अर्द्धवार्षिक परीक्षा की समीक्षा की गई है।
जेएनएन, रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल इस बार 10वीं और 12वीं की प्री बोर्ड परीक्षा नहीं लेगा। स्कूलों में इस साल वीकली और मंथली टेस्ट लिया ही जा रहा है। समय के अभाव के चलते माशिमं ने यह फैसला लिया है। बता दें कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं एक मार्च से शुरू हो रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि अभी हाल में हुई अर्द्धवार्षिक परीक्षा की समीक्षा की गई है, जो कि 80 प्रतिशत कोर्स से परीक्षा ली गई थी। इसका परिणाम अच्छा रहा। ऐसे में विद्यार्थियों पर ज्यादा बोझ न हो, इसे ध्यान में रखते हुए प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जा रही है।
स्कूल अपने स्तर पर प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकते हैं
उन्होंने बताया कि कई स्कूल अपने स्तर पर प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकते हैं। सेंट्रलाइज प्रश्न पेपर जारी किया था इस साल अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने सेंट्रलाइज प्रश्न पेपर जारी किया था। इसका यह असर रहा कि प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। हालांकि, जिन स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम अच्छा नहीं आया है, उनमें अतिरिक्त कक्षा लगाने की तैयारी कर ली गई है।जारी हो चुके हैं निर्देश
स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा आज माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं 10 जनवरी से शुरू हो रही है, जो 31 जनवरी तक चलेगी। इस बार परीक्षा में विद्यार्थियों को केवल एक अवसर मिलेगा। इसके लिए पहले निर्देश जारी कर चुके हैं।
केंद्राध्यक्ष बोर्ड से स्कूलों में भेजा रहा है
दूसरी ओर, प्रायोगिक परीक्षा के लिए स्कूल खुद अपने केंद्राध्यक्ष का चयन नहीं कर सकते। इस साल केंद्राध्यक्ष बोर्ड से स्कूलों में भेजा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि प्रायोगिक परीक्षा में किसी भी तरह की गलती स्वीकार नहीं जाएगी।बता दें कि प्रायोगिक परीक्षा के रिकॉर्ड को स्कूल प्रशासन को छह महीने तक रखना होगा। इसके लिए निर्देश जारी किया जा चुका है। कई स्कूल प्रायोगिक परीक्षा की जानकारी समय पर बोर्ड कार्यालय को नहीं भेज पाते हैं, जिससे परिणाम बनाने में दिक्कत आती है। इन बातों को देखते हुए छह महीने तक प्रायोगिक परीक्षा के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने को कहा गया है।
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