छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में लोग बढ़-चढ़कर ले रहे हैं हिस्सा, मुख्यमंत्री बघेल ने खुद तैयार की है इसकी रूपरेखा
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में किया गया है। इसका मकसद राज्य की संस्कृति को आगे ले जाना स्थानीय खेलों के प्रति युवाओं को जागरूक करना और नई प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर प्रदान करना है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Fri, 07 Oct 2022 05:08 PM (IST)
रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक पूरे राज्य में शुरू हो गया है। त्योहारों के इस खुशनुमा माहौल में युवा से लेकर बुजुर्ग इन खेलों में उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन पहली बार हुआ है।
ओलंपिक में मुख्यत: स्थानीय खेलों को प्राथमिकता दी गई है। ये खेल लोगों के लिए न केवल मनोरंजन का जरिया हैं, बल्कि ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही हमें ताजगी और स्फूर्ति भी देते हैं। पिट्टुल, गिल्ली -डंडा, खो-खो, कबडडी जैसे खेल यहां गांव-गांव खेले जाते हैं। इनमें फुगड़ी भी शामिल हैं, जिनमें बालिकाओं की अधिक रूचि है।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का मकसद राज्य की संस्कृति को आगे बढ़ाना
मुख्यमंत्री बघेल का मकसद इनके माध्यम से राज्य की संस्कृति को आगे बढ़ाना है। मालूम हो कि सीएम बघेल ने ही इसकी रूपरेखा तैयार की है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ ही आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में लोक रूचि के 14 परंपरागत खेलों को शामिल किया गया है।छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का धूमधाम से हुआ आगाज, स्थानीय खेलों में प्रतिभागी करेंगे अपनी काबिलियत का प्रदर्शन
पूरे तीन महीने तक होगा इसका आयोजन
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन पूरे तीन महीने यानी 6 अक्टूबर से 6 जनवरी, 2023 तक किया जा रहा है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय खेलों के प्रति लोग जागरूक होंगे, बल्कि खेल के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा।छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलबो-जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा भी इस वक्त प्रचार में है। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ नई खेल क्रांति की ओर बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में प्रदेश को खेल गढ़ के रूप में नई पहचान मिलने की पूरी संभावना है।
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