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Chhattisgarh में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल की शुरुआत, गरीब बच्‍चों को भी मिलेगी प्राइवेट अंग्रेजी मीडियम स्‍कूल जैसी सुविधा

Chhattisgarh के उज्ज्वल भविष्य के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल की शुरुआत की जिसका लाभ गरीब व निम्‍न वर्ग के बच्‍चों को भरपूर मिलेगा। स्‍कूल आधुनिक सुविधाओं से लैस है और यहां शिक्षा उच्‍च गुणवत्‍ता वाली है।

By Arijita SenEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 05:07 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल की शुरुआत
रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। कोई देश कितना विकसित है, इसे परखने के तीन पैमाने हैं स्वास्थ्य, आर्थिक खुशहाली और शिक्षा। शिक्षा में निवेश करने पर भविष्‍य में इसका कई गुना लाभ प्राप्‍त होता है। इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल (Atmanand English Medium School) की शुरुआत की, जिसका लाभ आने वाली अनेक पीढ़ियों को सुखद भविष्य के रूप में मिलता रहेगा।

आज ग्‍लोबलाइजेशन का दौर है और अंग्रेजी एक सार्वभौमिक भाषा है। हालांकि, निम्‍न व मध्‍यमवर्गीय परिवारों के लिए यह संभव नहीं है वे भी अपने बच्‍चों को उच्‍च वर्ग के बच्‍चों की तरह अंग्रेजी मीडियम वाले स्‍कूल में पढ़ाए। सरकार की इस नई कदम से अब बिना मोटी फीस चुकाए हर वर्ग के बच्‍चे अंग्रेजी में शिक्षा प्राप्‍त कर सकेंगे।

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 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह सुनिश्चित किया कि अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर जैसे महानगर में न हो बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो। गांव का बच्चा क्यों अंग्रेजी शिक्षा से वंचित रहे, इसका दायरा गांव तक फैलाया जाए। स्‍कूल में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी की भी व्‍यवस्‍था की गई है। यही नहीं, आत्मानंद स्कूल में सुंदर खेल परिसर भी है, आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रैक्टिकल लैब हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हमेशा कहते हैं कि प्रतिभा तो है संसाधन नहीं दोगे तो यह कैसे उभरेगी। मुख्यमंत्री ने स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध किया है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हमारी पीढ़ी अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ी रहे इसलिए अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूल भी खोले जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय बोलियों को पाठ्यक्रम से जोड़ा गया है, इससे बच्‍चों को अपनी संस्कृति, परम्पराओं और स्थानीयता पर भी गर्व होगा। 

प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरूआत सबसे पहले 03 जुलाई 2020 को हुई। इसी वर्ष अलग-अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए। उस समय यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम थी। फिर भी प्रथम वर्ष में आवेदन की संख्या 20 हजार से अधिक थी।

धीरे-धीरे स्कूल की गुणवत्ता की चर्चा होने के साथ यहां आवेदन की संख्या बढ़ती गई। वर्ष 2022-23 में दो लाख 76 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गई।

इस समय प्रदेश में 279 स्कूल संचालित हैं, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के 247 और हिन्दी माध्यम के 32 स्कूल हैं। यही नहीं, आने वाले शैक्षणिक सत्र में 439 हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थान हो जहां निजी स्कूल जैसी उत्कृष्ट सुविधाएं हो, जहां मध्यम और निम्‍न वर्ग के बच्‍च पढ़ सके। इ

से मूर्त रूप देने के लिए पुराने सरकारी स्कूलों को चिन्हित किया गया, इन स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया, पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया, क्लास रूम को नया रूप प्रदान किया गया। जहां पर कभी पुराने ब्लैक बोर्ड थे, वहां पर ग्रीन बोर्ड लगाए गए, कुछ जगहें स्मार्ट बोर्ड ने ले ली, पुराने बैंच-टेबल की जगह नए कम्फर्ट बेंच-डैस्क की व्यवस्था की गई। साइंस के आधुनिक साज-सामानों के साथ नये प्रैक्टिकल लैब बनाए गए। एक्स्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया।

शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक की जरूरतें पूरी की गईं। अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लाए गए । यहीं नहीं, संविदा में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया। इससे बच्चे ऑडियो-विजुअल पद्धति से अध्ययन करने लगे, जिससे उन्हें विषय को समझने में आसानी हुई, उनकी ग्रहण क्षमता बेहतर हुई।

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