CG News: CM भूपेश बघेल ने अमित शाह को लिखा पत्र, 2जी एथेनॉल रिफाइनरी की स्थापना के लिए निर्देश जारी करने का किया अनुरोध
Chhattisgarh के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मध्यक्षेत्र अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। सीएम ने गृह मंत्री से राज्य में 2जी एथेनाल रिफाइनरी की स्थापना की कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।
By JagranEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sat, 24 Sep 2022 05:28 PM (IST)
रायपुर, एजेंसी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मध्यक्षेत्र अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखा है। सीएम बघेल ने शाह से धान की फसल के अवशेष से राज्य में एथेनाल उत्पादन के लिए तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से एक वाणिज्यिक एवं एक प्रदर्शन परियोजना की स्वीकृति प्रदान करते के लिए 2जी एथेनाल रिफाइनरी की स्थापना की कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।
फसल के अवशेषों का हो सकेगा निवारणमुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में मध्यक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय परिषद की 22 अगस्त 2022 को आयोजित बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि मेरे द्वारा राज्य में प्रधानमंत्री ‘जी-1‘ योजना (जैव ईंधन-वातावरण अवशेष निवारण) के अंतर्गत फसल अवशेषों के निवारण के लिए लिग्नों सेल्यूलाजिक बायोमास आधारित बायो एथेनाल उत्पादन हेतु नासिरेजलर (2जी) के संबंध में भारत सरकार की तेल विपणन कम्पनी द्वारा रिफाइनरी स्थापित किए जाने का अनुरोध किया गया था।
छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि फसलों खासकर धान का अनुमानित वार्षिक उत्पादन 137 लाख मि.टन (खरीफ विपणन वर्ष 2022-23) है। इससे प्राप्त होने वाले बायोमास के निष्पादन के लिए (2जी) लिग्नों सेल्यूलाजिक बायोमास आधारित रिफाइनरी के लिए राज्य में समस्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध है।यह भी पढें- Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी में बनने वाले उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान का किया वर्चुअल शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को सुझाए उपायमुख्यमंत्री ने पत्र में आगे लिखा कि राज्य सरकार के नगरीय निकाय और गौठान समितियों के द्वारा बैकवार्ड लिंकेज के माध्यम से लिग्नों सेल्यूलाजिक बायोमास उपलब्ध कराने के लिए BaStrategic Partenership किया जा सकता है। इसके माध्यम से योजना के उद्दश्यों की पूर्ति के लिये निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार कृषि अवशेषों को जलाने से उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषण एवं नगरीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में कमी की जा सकेगी।
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