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खतरनाक महिला नक्सल सुजाता हैदराबाद से हुई गिरफ्तार, 100 से ज्यादा वारदातों को दे चुकी है अंजाम; सिर पर था 1 करोड़ का इनाम

तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद के महबूब नगर में एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली कल्पना उर्फ सुजाता को गिरफ्तार किया है। 60 वर्षीय सुजाता दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी की प्रभारी समेत कई पदों पर काम कर चुकी है। रमन्ना के मारे जाने के बाद उसे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का प्रभारी बनाया जा रहा था पर उसने स्वास्थ्यगत कारणों से प्रभार लेने से मना कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 18 Oct 2024 03:53 PM (IST)
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खतरनाक महिला नक्सल सुजाता हैदराबाद से हुई गिरफ्तार (फोटो- नई दुनिया)

अनिमेष पाल, जगदलपुर। तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद के महबूब नगर में एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली कल्पना उर्फ सुजाता को गिरफ्तार किया है। 60 वर्षीय सुजाता दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी की प्रभारी समेत कई पदों पर काम कर चुकी है। रमन्ना के मारे जाने के बाद उसे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का प्रभारी बनाया जा रहा था, पर उसने स्वास्थ्यगत कारणों से प्रभार लेने से मना कर दिया था।

इस बीच उसे दो वर्ष पहले सेंट्रल कमेटी में शामिल किए जाने की जानकारी भी मिली है। वर्तमान में वह साउथ सब जोनल ब्यूरो की प्रभारी सचिव थी। इसके अंतर्गत सुकमा और बीजापुर जिले के अंतर्गत तीन प्रमुख डिविजन आते थे। प्रभारी रहते हुए बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जिले में 100 से अधिक नक्सल घटनाओं में वह शामिल थी।

पुलिस ने बताया कि महिला नक्सली इलाज के लिए तेलंगाना पहुंची थीं, तब उसे गिरफ्तार किया गया। उस पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ का इनाम था। वह लंबे समय से बीमार है। पुलिस को उससे पूछताछ में नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिलने की उम्मीद है।

बड़े नक्सली लीडर की पत्नी है सुजाता

मिली जानकारी के अनुसार, सुजाता बड़े नक्सली लीडर रहे कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की पत्नी है। किशनजी के साथ वह बंगाल से 80 के दशक में बस्तर आई थी। बाद में किशनजी को बंगाल का प्रभार दिए जाने के बाद कुछ समय वह बंगाल में भी रही। 2010-2011 में उसने दक्षिण बस्तर डिविजन का प्रभार संभाला था।

तैयाए किए कई महिला नक्सली विंग

शीर्ष नक्सली नेता सुजाता ने ही कुख्यात नक्सल कमांडर माडवी हिड़मा को तैयार किया था। सुजाता के दक्षिण बस्तर डिवीजन की प्रभारी रहते हिड़मा कई साल तक साथ काम कर चुका है। नक्सल संगठन में महिलाओं की भर्ती कराने में सुजाता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

पति की मौत के बाद भी नहीं छोड़ा संगठन

सुजाता को हार्डकोर नक्सल नेता माना जाता है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सामान्य तौर पर पति की मौत के बाद महिला नक्सली संगठन छोड़ दिया करती हैं, पर सुजाता ने समर्पण नहीं किया। सुजाता का देवर सोनू उर्फ भूपति संगठन में सेंट्रल कमेटी सदस्य है। सोनू की पत्नी भी नक्सली नेता है।

सुजाता को कई भाषाओं की है जानकारी

नक्सली नेता सुजाता तेलंगाना के जोगुलंबा गढ़वाल जिले के गाजू मंडल के पेंचीकालपेट गांव की रहने वाली है। नक्सल संगठन में उसके कई नाम प्रचलित है। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, बंगाल में पद्मा, महाराष्ट्री में मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। बारहवीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, मराठी, तेलुगु के साथ गोंडी, हल्बी बोली भी जानती है।

कई बड़े हमलों की मास्टरमाइंड है सुजाता

बस्तर में हुए सभी बड़े हमलों के पीछे थिंक टैंक सुजाता ही रही है। अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान बलिदान, 2010 गादीरास 36, झीरम 2013 कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमले में 31, 2017 चिंतागुफा में 25 जवान, मिनपा में 17 जवान, टेकुलगुड़ेम में 21 जवान के बलिदान होने की नक्सल घटनाओं के पीछे मास्टरमाइंड सुजाता ही रही।

सुकमा-बीजापुर में था डेरा

आसूचना रिपोर्ट के अनुसार सुजाता का ठिकाना अधिकतर समय सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के जप्पागुट्टा, भट्टीगुड़ा क्षेत्र सहित बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के तुमालपाड़ व पामेड़ का इलाका रहा। बाद में उसके अबूझमाड़ चले जाने की जानकारी आई, पर उसके दोनों घुटने खराब हो जाने के बाद से वह तेलंगाना में रहकर अपना उपचार करवा रही थी।

3 अक्टूबर को हुई थी नक्सलियों और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर दंतेवाड़ा रेंज (Narayanpur-Dantewada Range) में 3 अक्टूबर को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई। इसमें नेंदूर-थुलथुली में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में मारे गए 38 माओवादियों (Maowadi) में 2 करोड़ 62 लाख के इनामी माओवादियों की शिनाख्त पूरी हुई है।

दंतेवाड़ा डीआरजी, नारायणपुर डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम थुलथुली नेंदुर क्षेत्र में पूर्वी बस्तर डिवीजन, पीएलजीए कंपनी 6, इंद्रावती एरिया कमिटी, प्लाटून 16, आदि के शीर्ष नक्सलियों की आसूचना पर नक्सल गश्त सर्च पर निकली थी।

मुठभेड़ में मारे गए 38 माओवादियों पर कुल 2.62 करोड़ का इनाम घोषित था। जिन पर जिला दन्तेवाड़ा, नारायणपुर, कोण्डागांव और बस्तर में कुल 250 से अधिक अपराध दर्ज थे।

उक्त माओवादियों के द्वारा पुलिस-नक्सली मुठभेड़ 61, कैम्प अटैक 11, आईईडी ब्लास्ट 17, आगजनी 09, पोलिंग बूध पर हमला 03 जैसे गंभीर अपराध किये गयें जिनमें कुल 26 आम नागरिक घायल, 23 आम नागरिकों की हत्या, 15 पुलिस जवान घायल व 28 पुलिस जवान शहीद हुए।

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