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Rajnandgaon: 20 करोड़ खर्च करने पर भी अटकी पेयजल योजना, 22 हजार लोगों पर पानी का संकट

Rajnandgaon डोंगरगांव के लिए 20 करोड़ खर्च कर तैयार पेयजल वृद्धि योजना का अस्तित्व संकट में है। 22 हजार लोगों को पुरानी व्यवस्था के तहत बोरवेल से पानी की सप्‍लायी की जा रही है। दर्री-मटिया एनीकट टूटने के कारण इंटकवेल के पास पानी जमा नहीं हो पा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Wed, 23 Nov 2022 09:01 AM (IST)
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20 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार पेयजल वृद्धि योजना का अस्तित्व संकट में
राजनांदगांव, जागरण आनलाइन डेस्‍क। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से डोंगरगांव शहर के लिए करीब 20 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार पेयजल वृद्धि योजना का अस्तित्व संकट में आ गया है। दर्री-मटिया एनीकट टूट गया जिसकी वजह से इंटकवेल के पास पानी जमा नहीं हो पा रहा है और करीब सवा दो माह से शहर के करीब 22 हजार लोगों को पुरानी व्यवस्था के तहत बोरवेल से पीने का पानी सप्‍लायी किया जा रहा है।

6.62 करोड़ रुपए का प्राक्कलन भेजा गया

ऑग्मेंटेशन प्लान को फिर से शुरू करने के लिए एनीकट को नए सिरे से बनाना होगा। साथ ही बाढ़ में बह गए किसानों के पहुंच मार्ग और खेतों की भी मरम्मत करनी होगी। इसके लिए सरकार को 6.62 करोड़ रुपए का प्राक्कलन (Estimate) भेजा गया है।

भारी भरकम राशि के चलते भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। तीन महीने बाद गर्मी का मौसम आने वाला है। अगर इससे पहले यह काम नहीं किया गया तो डोंगरगांव कस्बे में पेयजल संकट गहराने की आशंका है।

डोंगरगांव की पेयजल वृद्धि योजना संकट में

शिवनाथ नदी में सितंबर में आई बाढ़ के दौरान पहले से क्षतिग्रस्त दर्री-मटिया वाला एनीकट नहीं खुला। इससे एनीकट तो बह ही गया साथ ही, 20 किसानों के उपजाऊ खेत खड़ी फसल के समेत बह गए। डोंगरगांव के लोगों को इससे काफी समस्‍या हो रही है।

गर्मी में तैयार की गई जल वृद्धि योजना फिलहाल ठप पड़ी है। क्योंकि नदी में पानी नहीं है। इंटकवेल के आसपास का इलाका पूरी तरह से सूखा है। बिना एनीकट बनाए जल संवर्धन योजना शुरू नहीं की जा सकती है।

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