अंधविश्वास: सात दिनों से भूखे-प्यासे साधना कर रहा था परिवार, दो भाइयों की मौत; मां-बहन अस्पताल में भर्ती
देश में अंधविश्वास के पैर इतने फैले हुए हैं कि इनसे निकलना काफी मुश्किल है। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सात दिनों से भूखे-प्यासे साधना कर रहे छह सदस्यीय परिवार के दो सगे भाइयों की गुरुवार को मौत हो गई। अस्पताल ले जाने पर दोनों भाइयों को मृत घोषित कर दिया गया। परिवार के अन्य सदस्यों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस जांच कर रही है।
जेएनएन, सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सात दिनों से भूखे-प्यासे साधना कर रहे छह सदस्यीय परिवार के दो सगे भाइयों की गुरुवार को मौत हो गई। परिवार के अन्य चार लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, बारद्वार थाना क्षेत्र के तांदुलडीह गांव के गोंड़ परिवार के छह सदस्य पिछले कुछ दिनों से घर से बाहर नहीं आए थे।
अस्पताल ले जाने पर दोनों भाइयों को मृत घोषित कर दिया गया
गुरुवार को पड़ोसियों ने उनके घर से जोर-जोर से जयकारे की आवाज सुनी तो पुलिस हेल्पलाइन को सूचित किया। घर के अंदर विकास गोंड़, विक्की गोंड़ बेहोशी की हालत में पाए गए। दोनों की मां, एक भाई और दो बहनें जय गुरुदेव का जप कर रहे थे। अस्पताल ले जाने पर दोनों भाइयों को मृत घोषित कर दिया गया। परिवार के अन्य सदस्यों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उज्जैन के एक बाबा की तस्वीर को सामने रखकर साधना कर रहा था परिवार
पुलिस ने बताया कि गोंड़ परिवार उज्जैन के एक बाबा की तस्वीर को सामने रखकर साधना कर रहा था। परिवार के सदस्यों का व्यवहार विक्षिप्तों की तरह था। एसडीओपी मनीष कुंवर ने बताया कि एफएसएल की टीम ने मौके से कुछ सैंपल लिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।
थुलथुली मुठभेड़ में मारे गए 2.62 करोड़ के 38 इनामी नक्सली
अबूझमाड़ क्षेत्र के नेंदुर-थुलथुली के जंगल में बीते चार अक्टूबर को हुई मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए हैं। सभी नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। मृत नक्सलियों पर दो करोड़ 62 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के अनुसार 31 नक्सलियों के शव और अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए थे, अन्य सात नक्सलियों के शव का नक्सलियों ने अंतिम संस्कार किया है।
मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सलियों के शव उनके स्वजन को सौंप दिए
दंतेवाड़ा के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप ने शुक्रवार को बताया कि मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सलियों के शव उनके स्वजन को सौंप दिए गए हैं। मृत नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर में 250 से अधिक अपराध दर्ज हैं। इनमें पुलिस पर हमले के 61, सुरक्षा शिविरों में हमले के 11, आइईडी विस्फोट के 17, आगजनी के नौ, मतदान केंद्रों पर हमले के तीन मामले शामिल हैं। इन हमलों में 28 पुलिस जवान बलिदान हुए थे व 23 आम नागरिक की जान गई है।