Chhattisgarh: रायपुर में कुछ लोगों ने अमृतपाल सिंह के समर्थन में निकाली रैली, चार लोग हुए गिरफ्तार
फरार वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थन में शहर में कथित रूप से एक रैली निकालने के मामले में रायपुर में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी रायपुर पुलिस ने दी है।
रायपुर (छत्तीसगढ़), एजेंसी। फरार वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थन में शहर में कथित रूप से एक रैली निकालने के मामले में रायपुर में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी रायपुर पुलिस ने दी है।
Raipur, Chhattisgarh | 4 people arrested over sloganeering in support of ‘Waris De Punjab’ chief Amritpal Singh. First, they were served notice but their replies were not satisfactory and to avoid any law & order situation, action taken: Addl SP, Raipur (23/04) pic.twitter.com/SqggeU8V6Y
बता दें कि ये सभी गिरफ्तारियां गुरुवार को हुईं। आरोपियों की पहचान छत्तीसगढ़ की राजधानी शहर के निवासी दिलेर सिंह रंधावा (46), मनिंदरजीत सिंह उर्फ मिंटू संधू उर्फ हरिंदर सिंह खालसा (44) और हरप्रीत सिंह रंधावा उर्फ चिंटू (42) के रूप में हुई है।
घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों से मिले इनपुट के आधार पर रायपुर की सिविल लाइंस पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 153 (ए), 504 और 505 (1) (बी) के तहत अपराध दर्ज किया है और चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रायपुर ने एएनआई को बताया कि पहले उन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं था और किसी भी कानून व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए कार्रवाई की गई।
गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह मुद्दा उठा जब भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर इस पर चर्चा की मांग की थी।
चंद्राकर ने आरोप लगाया कि खालिस्तान के समर्थन में रैली निकाली गई। इस मुद्दे पर उनके साथ शामिल होते हुए भाजपा विधायकों ने सवाल किया कि इस तरह की रैली कैसे निकाली गई और कथित विफलता के लिए पुलिस की आलोचना की।
कथित तौर पर, भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का बयान मांगा।
नोटिस खारिज होते ही विपक्ष के सदस्यों ने मुख्यमंत्री का जवाब मांगते हुए नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद भाजपा विधायकों ने फिर से इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि सीएम रैली के संबंध में सदन में बाद में बयान देंगे।
सदन में अपने बयान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लगभग 30-35 लोगों ने बिना अनुमति के तेलीबांधा क्षेत्र से नारेबाजी करते हुए पैदल मार्च निकाला गया। पुलिस को इसके वीडियो फुटेज की जांच करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रैली के दौरान वीडियो में देश विरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक सिख समुदाय का सवाल है, देश के लिए उनके बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन देश विरोधी गतिविधियों को नहीं होने दिया जाएगा।
इस बीच, बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि बघेल के बयान को एक प्रस्ताव के रूप में लिया जाना चाहिए और सदन में पारित किया जाना चाहिए।
बाद में एक अन्य भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की रैली देश में दो जगहों पर पहले पंजाब और फिर रायपुर में निकाली गई और इस घटना से छत्तीसगढ़ की छवि खराब हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री के बयान को संकल्प माना जाना चाहिए और उनका भाग इसका समर्थन करें।