Dhanteras 2022: घर में समृद्धि चाहते हैं तो धनतेरस पर न खरीदें प्लास्टिक के बर्तन, डाक्टरों ने भी की अपील
Dhanteras 2022 दिवाली से पहले घर की सफाई के दौरान गृहणियां रसोई से प्लास्टिक के बर्तन हटाने में लगी हैं। यहां के डाक्टरों ने भी घर और किचन में प्लास्टिक का सामान नहीं रखने की अपील करते हुए प्लास्टिक से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया।
बिलासपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। Dhanteras 2022: दिवाली के दिन किचन में प्लास्टिक की जगह कांसे और तांबे के बर्तन होंगे। न्यायधानी में इस अभियान का असर अब दिखने लगा है। घर की महिलाओं को अब समझ आ चुका है कि प्लास्टिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक है।
इसलिए वह घर की सफाई के दौरान किचन से प्लास्टिक का सारा सामान निकाल रही हैं। बुधवार को बर्तन की दुकानों पर वह पीतल और तांबे के साथ स्टेनलेस स्टील का सामान खरीदने के लिए उमड़ पड़ी।
धनतेरस पर प्लास्टिक के बर्तन न खरीदें
इस अभियान से सहमत ज्योतिषाचार्य का भी कहना है कि यदि आप घर में सुख, शांति और समृद्धि के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो धनतेरस पर प्लास्टिक का सामान न खरीदें। यहां के डाक्टरों ने भी घर और किचन में प्लास्टिक का सामान नहीं रखने की अपील करते हुए प्लास्टिक से शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया।
प्लास्टिक के बर्तनों में पानी पीने या खाना खाने से छाती, फेफड़े, लीवर से संबंधित और कैंसर, मधुमेह, अस्थमा और रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों से छुटकारा पाना भी आसान नहीं होता। ऐसे में महिलाएं दिवाली के दिन घर की सफाई करते समय अपने घरों में प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रही हैं।
प्लास्टिक के बर्तन अब नहीं
शांता फाउंडेशन की सचिव नेहा तिवारी ने कहा कि मैं शुरू से ही प्लास्टिक के इस्तेमाल से परहेज करती रहती हूं। इस अभियान के बाद मैंने घर के किचन से सारा सामान निकालकर नगर निगम के कूड़ेदान में डाल दिया। प्लास्टिक हमारे घर के लिए ही नहीं समाज के लिए भी जहर है।
पुराणों में सिर्फ कांस्य और तांबे के बर्तनाें का उल्लेख
गृहणी अनीता खेड़कर ने बताया कि हमारे पुराणों में भी धनतेरस पर केवल कांसे, तांबा, पीतल और सोना-चांदी की खरीद का ही उल्लेख मिलता है। कहीं भी प्लास्टिक का जिक्र नहीं है। इस वर्ष सभी को संकल्प लेना चाहिए कि वे भूलकर भी बाजार से प्लास्टिक का सामान नहीं खरीदें।
सेहत होती है खराब
सामाजिक कार्यकर्ता चुन्नी मौर्य ने कहा कि जिन घरों में खाने-पीने में प्लास्टिक की चीजों का ज्यादा इस्तेमाल होता है, वहां अक्सर लोगों की तबीयत खराब हो जाती है, क्योंकि इसमें से निकलने वाला रासायनिक तत्व जहर के समान होता है। यह कार्बन हमें बीमार करता है जिससे बचना चाहिए।
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