जगदलपुर: नगरनार का इस्पात अब बनेगा देश की शक्ति का आधार, बन सकेंगे सैन्य उपकरण व युद्धपोत
नगरनार प्लांट के इस्पात से एलपीजी सिलिंडर पुल स्टील संरचना बड़े व्यास वाले पाइप बायलर रेलवे वैगन साइकिल फ्रेम जनरेटर मोटर ट्रांसफार्मर आटोमोबाइल आदि उद्योगों के लिए क्वाइल का निर्माण किया जा सकता है। इनमें आधे से अधिक उत्पादों के लिए हाट रोल्ड क्वाइल का निर्माण कर आपूर्ति भी शुरू की जा चुकी है। प्लांट को कमीशन हुए 14 माह हो गए हैं।
अभी विदेश से मंगाते हैं इस्पात
अब तक युद्धपोत बनाने के लिए इस्पात विदेश से आयात किया जाता था। हाल ही में सेल (स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड) के बोकारो स्टील प्लांट ने वेसल और एबीएस श्रेणी के इस्पात का निर्माण शुरू किया है। प्रमाणन प्रमाणपत्र मिलने पर नगरनार स्टील प्लांट रक्षा आयुध के निर्माण के लिए उच्च श्रेणी के इस्पात का निर्माण करने वाला देश का सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा संयंत्र होगा। एनएसएल की अध्ययन टीम रक्षा और जहाज निर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में भी उपयोग आने वाले इस्पात (हाट रोल्ड क्वाइल), जिसमें एबीएस (अमेरिकन ब्यूरो आफ शिपिंग) श्रेणी भी शामिल है, के निर्माण की संभावना पर भी काम कर रही है। बता दें कि एबीएस श्रेणी का इस्पात अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप होता है।राज्य में सैन्य कॉरिडोर बनाने की पहल हों
भारत-पाक के बीच 1971 के युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल शमशेर सिंह कक्कड़ ने कहा कि यह खुशी की बात है कि नगरनार स्टील प्लांट के इस्पात से सैन्य उपकरण बनेंगे। सरकार को अब एक कदम आगे जाकर राज्य में सैन्य कॉरिडोर बनाने पर भी विचार करना चाहिए। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में सैन्य कॉरिडोर बनाने की शुरुआत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में सैन्य कॉरिडोर बनने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस्पात के परिवहन की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी।सैन्य उपकरण, युद्धपोत बनाने के लिए देंगे इस्पात
नगरनार रक्षा आयुध के क्षेत्र में सैन्य उपकरणों व विशेषकर युद्धपोत के निर्माण के लिए आवश्यक स्टील के उत्पादन में सक्षम है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में यह संयंत्र सहभागी बनकर काम शुरू कर चुका है। उच्च शक्ति वाले पानी के जहाज के निर्माण के लिए चार से 10 मिलीमीटर मोटाई और 1100 से 1600 चौड़ाई के हाट रोल्ड क्वाइल की अधिक जरूरत होती है। इससे बने जहाज लंबे समय तक पानी में रहने के बाद भी खराब नहीं होते। यह हल्के और मजबूत होते हैं।
- के प्रवीण कुमार, अधिशासी निदेशक एवं प्रोजेक्ट हेड नगरनार स्टील प्लांट।