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Raipur News: रबी सीजन में बीज और उर्वरक वितरण के लिए करें पुख्ता व्यवस्था- डॉ कमलप्रीत सिंह

कृषि उत्पादन आयुक्त डा कमलप्रीत सिंह ने आज बिलासपुर जिले के नवीन विश्राम गृह में बिलासपुर और सरगुजा संभाग की बैठक ली और खरीफ वर्ष 2022 रबी वर्ष 2022-23 के कार्यक्रम निर्धारण की समीक्षा की। सिंह ने कहा कि शासन का लक्ष्य किसानों को मजबूत बनाना है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sat, 12 Nov 2022 02:55 PM (IST)
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रबी सीजन में बीज और उर्वरक वितरण के लिए करें पुख्ता व्यवस्था- डॉ कमलप्रीत सिंह
रायपुर, जागरण डिजिटल डेस्क :  कृषि उत्पादन आयुक्त डा कमलप्रीत सिंह ने आज बिलासपुर जिले के नवीन विश्राम गृह में बिलासपुर और सरगुजा संभाग की बैठक ली और खरीफ वर्ष 2022, रबी वर्ष 2022-23 के कार्यक्रम निर्धारण की समीक्षा की। डॉ कमलप्रीत सिंह ने कहा कि शासन का लक्ष्य किसानों का सशक्तिकरण और खेती को मजबूत बनाना है। किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए राज्य में धान के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक फसलों की खेती को भी बढ़ावा देना चाहिए। डॉ सिंह ने किसानों को जैविक खेती को अपनाने और रबी सीजन में वर्मी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक उठाव और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने और रबी सीजन में बीज-उर्वरक की वितरण की पुख्ता व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

हेल्थ टेस्टिंग और किसानों को प्रशिक्षण

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए अच्छे किस्म का उन्नत बीज और समय पर उर्वरक उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वायल हेल्थ टेस्टिंग और किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। साथ ही निर्देश दिए कि फसल कटाई प्रयोग का गलत आंकड़ा प्रविष्ट न किया जाए। डॉ सिंह ने अधिकारियों को रबी सीजन 2022-23 के लिए किसानों को बीज और उर्वरक वितरण का कार्य तेजी से करने को कहा।

रागी और उड़द के विशेष प्रोजेक्ट पर फोकस

डॉ. सिंह ने कहा कि सरगुजा संभाग में रागी और उड़द के विशेष प्रोजेक्ट पर फोकस किया जाए। इसके अलावा सरसों के उत्पादन में भी वृद्धि के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से मिट्टी की स्थिति में सुधार आया है। किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित करें। राज्य शासन द्वारा दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं भी संचालित की जा रही है। किसानों को भी इसका लाभ सुनिश्चित कर दलहन और तिलहन की खेती के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इस साल अच्छी बारिश हुई है। ऐसी स्थिति के अनुकूलता का लाभ उठाकर रबी फसलों का रकबा बढ़ाया जा सकता है। किसानों को ऐसी फसलों के लिए प्रेरित करें, जिनसे उन्हें फायदा हो सके।

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर

डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत गोठानों को और मजबूत किया जाए। उन्होंने निर्माणाधीन गोठानों को दिसम्बर के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे गोठानों में जहां गोबर खरीदी की दर कम है, वहां गौठान समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। साथ ही गोठानों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया।

कई योजनाओं की समीक्षा की

कृषि उत्पादन आयुक्त ने रीपा के तहत प्रस्तावित और संचालित गतिविधियों की भी जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि बिलासपुर संभाग में रबी सीजन 2022-23 में 4.41 लाख हेक्टेयर में क्षेत्राच्छादन और सरगुजा संभाग में 3.40 लाख हेक्टेयर में क्षेत्राच्छादन प्रस्तावित है। जो बीते रबी सीजन की तुलना में बिलासपुर संभाग में 9 एवं सरगुजा संभाग में 19 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने ई-केवाईसी जल्द पूरा करने कहा। डॉ. सिंह ने बैठक में पशुधन विभाग, उद्यानिकी विभाग, मछली पालन विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की।

बैठक में कृषि विभाग के संचालक कृषि डॉ अयाज तम्बोली, बिलासपुर संभाग के अपर आयुक्त के.एल.चौहान, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी, दोनों संभाग के जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, कृषि, पशु, चिकित्सा, उद्यान एवं मछली पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उर्वरकों की बिक्री के लिए दरें निर्धारित

कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति एवं रासायनिक उर्वरक प्रदायकों के मध्य हुई वर्चुअल रूप से निगोसियेशन बैठक में रबी सीजन 2022-23 हेतु रासायनिक उर्वरकों के कृषक विक्रय दर का निर्धारण किया गया।

डीएपी उर्वरक हेतु 1350 रूपए प्रति बोरी

राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति द्वारा छत्तीसगढ़ के कृषकों के लिये डीएपी उर्वरक हेतु 1350 रूपए प्रति बोरी, एनपीके हेतु 1350 रूपए प्रति बोरी, एसएसपी पावडर हेतु 494 रूपए प्रति बोरी, एसएसपी दानेदार हेतु 635 रूपए प्रति बोरी और जिंकटेड एसएसपी पावडर हेतु 514 रूपए प्रति बोरी एमआरपी निर्धारित किया गया। उल्लेखनीय है कि नीम यूरिया उर्वरक की दर भारत सरकार द्वारा प्रति बोरी 266.50 निर्धारित है।

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