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माय सिटी, माय प्राइड मुहिम ने दिखाई रायपुर को नई राह

जुलाई से प्रारंभ हुए दैनिक जागरण और नईदुनिया के माय सिटी माय प्राइड अभियान ने रायपुर के विकास में भरपूर मदद की है।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Sat, 29 Dec 2018 06:00 AM (IST)

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि : जुलाई से प्रारंभ हुए दैनिक जागरण और नईदुनिया के माय सिटी माय प्राइड अभियान ने रायपुर के विकास में भरपूर मदद की है। न केवल शहर आगे बढ़ा, विकास के प्रति भागीदारी की गंभीर सोच दिखाई दी। जिस वर्ग को अभियान में शामिल किया गया, उसने 2018 में इस प्रयास को हाथों- हाथ लिया। 26 सितंबर को बड़े मंच पर फोरम का आयोजन हुआ। इसमें जिन मुद्दों को अभियान में जगह मिली थी, उसे हल करने के लिए सबने संकल्प लिया और जमीनी कोशिश तक प्रारंभ कर दी गई थी।

कुछ विषयों पर तो फोरम के आयोजन के 24 घंटे के भीतर ही नतीजा सामने था, जो बताता है कि हर किसी ने दिल से प्रयास किया। आज भी इससे जुड़े विषयों को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2019 तक नई सौगातें मिलेंगी।

अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर अस्पताल को मिली सुविधाएं: माय सिटी माय प्राइड के 26 सितंबर के फोरम में राज्य के हेल्थ आयुक्त आर. प्रसन्‍ना ने कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की जाएगी। फोरम के पांचवे दिन ही राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर अस्पताल में एक अक्टूबर से नई व्यवस्था शुरु कर दी गई। जेरियाट्रिक ओपीडी में केवल बुजुर्गों की जांच की जाएगी। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीएन मिश्रा ने बताया कि ओपीडी में बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की पूरी कोशिश की जाएगी।

दिव्यांगों के हॉस्टल के लिए नई सरकार का इंतजार :लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने माय सिटी माय प्राइड के फोरम में घोषणा की थी कि राजधानी में दिव्यांगों के लिए सर्वसुविधायुक्त सरकारी हॉस्टल बनाया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरु करते हुए उन्होंने समाज कल्याण विभाग को पत्र जारी कर प्रस्ताव बनाने का आग्रह किया है। अब राज्य में नई सरकार आ चुकी है, उम्मीद की जा रही है कि वह इस प्लान को आगे बढ़ाएगी।

अम्‍बेडकर अस्पताल को मिला बड़ा सहारा : राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस में सरकारी अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव का मुद्दा उठा था। यह बात सामने आई कि छत्तीसगढ़ और रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर अस्पताल में मरीजों और बुजुर्गों के लिए व्‍हील चेयर, स्ट्रेचर पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इस कमी को रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (राडा) ने पूरा कर दिया। राडा के प्रतिनिधियों ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी को ये सामग्री सौंपी।

मेयर की 'जनता निधि" का इंतजार :
फोरम में महापौर प्रमोद दुबे ने 'जनता निधि" के प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने महापौर निधि से जनता निधि के लिए राशि देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी उद्यान के जीर्णोद्धार के लिए 15 लाख रुपये दूंगा, इसे चिन्हांकित कर लें। उद्यान के चयन की प्रक्रिया चल रही है। शहर के सबसे प्राचीन स्कूल पं. जेएन पांडे में अभी दो-तीन टॉयलेट हैं। इसकी जगह सामूहिक टॉयलेट की आवश्यकता है। प्राचार्य ने इसके लिए प्रस्ताव बना कर नगर निगम को भेज दिया है।
फैसलों की ताजा स्थिति
इंफ्रा
-रायपुर को मिलेगा दिव्यांग सरकारी हॉस्टल। सरकार ने प्रक्रिया शुरु कर चिठ्ठी भेज दी है।
-उद्यान को संवारने महापौर निधि से 15 लाख रुपये। बगीचे के चयन की प्रक्रिया जारी।
-शास्त्री मार्केट में कचरा निष्पादन। तकनीकी काम प्रारंभ।
-सरकारी स्कूलों से कचरा उठाने का आदेश तत्काल। 27 सितंबर से लागू।
-महिला थाना से छोटापारा गौरव पथ योजना दूसरे चरण में लेने प्रक्रिया शुरु करेंगे। अगले बजट में आने की उम्मीद।
- जेपी पांडे सरकारी स्कूल में टायलेट बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर। प्राचार्य ने तकनीकी प्रस्ताव बना कर भेजा।
स्‍वास्‍थ्‍य
- रायपुर के आसपास के अस्पतालों में बढ़ाएंगे स्टाफ। बजट के साथ शुरु होगी प्रक्रिया।
- शहर के स्वास्थ्य केंद्रों को करेंगे मजबूत। इसके लिए भी बजट का इंतजार।
शिक्षा
-सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स-टीचर मीटिंग होगा अनिवार्य। चुनाव के बाद अब डीईओ जल्द जारी करेंगे आदेश।
- सेवा भावना से स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाने के इच्छुक लोगों के लिए एप जल्द। स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने यह काम लिया हाथ।
सुरक्षा
- पुलिस मित्र जैसे समूहों का थाना स्तर पर गठन का प्रस्ताव था। अब डीजीपी ने प्रदेशभर में लागू करने का आदेश दे दिया है।
-शांति समिति की बैठकें हर दो माह में करने पर सहमति। रायपुर आईजी ने इसे प्लान में शामिल किया।
- साइबर ठगी के शिकार की मदद के लिए थाने के अमल को देंगे प्रशिक्षण। इसकी प्रक्रिया शुरु।
-बच्चों को नशामुक्त करने व हेल्‍मेट के लिए पुलिस का डियर जिंदगी अभियान घर-घर पहुंचेगा। कुछ थानों ने इसकी प्रक्रिया शुरु की।

अभियान इस तरह चला
- लगातार 82 दिनों तक नईदुनिया और सोशल मीडिया पर कवरेज
- जनता की लाइक के आधार पर पिलरवाइज शहरों की रैकिंग
- 10 रीयल हीरो और 15 विशेषज्ञों की राय ली
- 9 सप्ताह में 9 राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई
- 91 अतिथियों ने आरटीसी में लिया भाग
- सितंबर के बाद से हर माह हो रही है समीक्षा बैठक

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