फोरम में घोषणा : रायपुर में अब बनेगा दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली कॉम्पलेक्स
'माय सिटी माय प्राइड' फोरम में लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा की।
By Krishan KumarEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 06:00 AM (IST)
रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि : सालों पहले रायपुर एक छोटा सा शहर हुआ करता था। रायपुरा और भाठागांव एक छोटे से गांव की तस्वीर बयां करते थे। समय बदलता गया और शहर का विस्तार होता गया। हम कब 54 वार्ड से 60 और फिर 70 वार्ड तक पहुंच गए पता ही नहीं चला। जिस तेजी के साथ समय निकला उतनी ही तेजी से शहर का विकास भी होता गया। इन्फ्रास्ट्रक्चर के सफल कामों की बुनियाद की वजह से आज रायपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन हो रहा है। नालंदा परिसर का निर्माण मिसाल है। बुधवार को यह बातें नईदुनिया के 'माय सिटी माय प्राइड' फोरम का हिस्सा बने लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने कही। उन्होंने दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा की।
मंत्री ने कहा-दिव्यांगों के लिए रायपुर में हॉस्टल बनाया जाएगा, जहां वे सहूलियत के हिसाब से वक्त बिता सकेंगे। राजनांदगांव में एक भवन बना है, उससे कहीं बेहतर निर्माण करने का प्रयास होगा। पिछले पांच सालों में किए गए निर्माण कार्यों ने शहर की तस्वीर बदली है। कोई भी काम शुरू करने के बाद प्रतिक्रिया और क्रिया होना लाजिमी है। निर्माण कार्यों के लिए आम जनता का भी सहयोग जरूरी है। कई बार निर्माण शुरू होने के बाद सुझाव आते हैं। अगर ऐसे सुझाव लिखित में मिलें तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।
'नईदुनिया' के इन मुद्दों पर लोक निर्माण मंत्री की सहमति
मुद्दा- दिव्यांगों के लिए कोई सरकारी हॉस्टल नहीं है।
'नईदुनिया' के इन मुद्दों पर लोक निर्माण मंत्री की सहमति
मुद्दा- दिव्यांगों के लिए कोई सरकारी हॉस्टल नहीं है।
मंत्री बोले- जल्द शहर में दिव्यांगों को फ्रेंडली माहौल देने के लिए हॉस्टल का निर्माण होगा। लोक निर्माण विभाग प्रस्ताव बनाएगा।
मुद्दा- सबसे बड़े कपड़ा मार्केट में पार्किंग गंभीर समस्या बन चुकी है।
मंत्री बोले-पुराने समय में बने बाजार में गाड़ियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है, जबकि पार्किंग की व्यवस्था कहीं नहीं है। कारोबारी वर्ग को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर सामने आना चाहिए। सरकार के साथ संयुक्त रूप से प्लान बनाकर निर्माण करेंगे।
मुद्दा- शहर भर में सड़कों पर बनने वाले गलत ब्रेकर पर पूरी तरह रोक लगे।
मंत्री बोले-नियमों के हिसाब से ही ब्रेकर बनाए जाएं। देखा गया है कि कोई हादसा हुआ तो लोग मनमर्जी से बिना मापदंड के ब्रेकर बना देते हैं। ऐसी जगहों पर स्थिति सुधारेंगे।
मुद्दा- सार्वजनिक निर्माण में जनभागीदारी तय होनी चाहिए।
मंत्री बोले- लोगों के सुझाव आने चाहिए। नई व्यवस्था के तहत शहर के लोग लिखित में सुझाव दे सकते हैं। उनके तर्क भी कारगर साबित हो सकते हैं।
मुद्दा-पारिवारिक आयोजनों में बस सेवा महंगी है।
मंत्री बोले-कई बार लोग घूमने-फिरने, शादी या अन्य आयोजनों के लिए टैक्सी बुक कराते हैं। जबकि विशेष आयोजनों के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही टूरिस्ट वीजा के नियम बना रखे हैं। इसमें छूट का प्रावधान है।
मुद्दा- पुराने रायपुर के व्यस्त इलाकों में सब-वे की जरूरत है।
मंत्री बोले-रायपुर एक मात्र ऐसा शहर है जहां सड़कें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। पांच से दस मिनट में सफर आसान है। हां भीड़ वाले हिस्सों में सब-वे बनाने पर विचार किया जा सकता है।
मुद्दा- सबसे बड़े कपड़ा मार्केट में पार्किंग गंभीर समस्या बन चुकी है।
मंत्री बोले-पुराने समय में बने बाजार में गाड़ियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है, जबकि पार्किंग की व्यवस्था कहीं नहीं है। कारोबारी वर्ग को भी अपनी जिम्मेदारी समझकर सामने आना चाहिए। सरकार के साथ संयुक्त रूप से प्लान बनाकर निर्माण करेंगे।
मुद्दा- शहर भर में सड़कों पर बनने वाले गलत ब्रेकर पर पूरी तरह रोक लगे।
मंत्री बोले-नियमों के हिसाब से ही ब्रेकर बनाए जाएं। देखा गया है कि कोई हादसा हुआ तो लोग मनमर्जी से बिना मापदंड के ब्रेकर बना देते हैं। ऐसी जगहों पर स्थिति सुधारेंगे।
मुद्दा- सार्वजनिक निर्माण में जनभागीदारी तय होनी चाहिए।
मंत्री बोले- लोगों के सुझाव आने चाहिए। नई व्यवस्था के तहत शहर के लोग लिखित में सुझाव दे सकते हैं। उनके तर्क भी कारगर साबित हो सकते हैं।
मुद्दा-पारिवारिक आयोजनों में बस सेवा महंगी है।
मंत्री बोले-कई बार लोग घूमने-फिरने, शादी या अन्य आयोजनों के लिए टैक्सी बुक कराते हैं। जबकि विशेष आयोजनों के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही टूरिस्ट वीजा के नियम बना रखे हैं। इसमें छूट का प्रावधान है।
मुद्दा- पुराने रायपुर के व्यस्त इलाकों में सब-वे की जरूरत है।
मंत्री बोले-रायपुर एक मात्र ऐसा शहर है जहां सड़कें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। पांच से दस मिनट में सफर आसान है। हां भीड़ वाले हिस्सों में सब-वे बनाने पर विचार किया जा सकता है।
आप कचरा फेंकें और मेयर-मंत्री सुनें...
फोरम में मंत्री ने बातों- बातों में कहा रायपुर शहर के विकास के लिए सोच बदलने की जरूरत है। कमर्शियल सोच से लोग हर हिस्से को कारोबार स्थल बना रहे हैं। भीड़ बढ़ने की स्थिति में यह सबसे बड़ी समस्या बन रही है। पार्किंग की जगह पर निर्माण हो रहा है। ट्रैफिक समस्या को ध्यान में रखने की जरूरत है। बड़े पद में बड़ी जिम्मेदारी होती है। शहर को सुंदर रखने का जिम्मा हर किसी का है। आप कचरा फेंकें और मेयर-मंत्री सुनें, यह परंपरा खत्म करें। चेम्बर दे साथ तो बदलेगी बाजार की सूरत
सवाल-जवाब के दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स मेंबर भी फोरम में थे। मालवीय रोड में ट्रैफिक समस्या का मुद्दा सामने आया। मंत्री ने कहा- अगर चेंबर चाहे तो रास्ता आसान होगा। एक जगह ऐसी व्यवस्था बनेगी, जहां लोग खान-पान के साथ शॉपिंग कर सकेंगे। भीड़ का दबाव कम होने के साथ स्मूथ सिस्टम बनेगा। चेंबर को पहले भी कहा है, पहल हो तो सार्थक परिणाम सामने आएगा।
माय सिटी, माय प्राइड अभियान की जरूरत
मंत्री मूणत ने कहा कि साल में एक बार नहीं, बल्कि माय सिटी माय प्राइड जैसा अभियान हर दो महीने में होना चाहिए। आम जनता को ऐसा मंच मिलता रहे ताकि उनकी राय भी सामने आ सके। दैनिक जागरण-नईदुनिया ग्रुप की मुहिम सराहनीय है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।फोरम में मंत्री ने बातों- बातों में कहा रायपुर शहर के विकास के लिए सोच बदलने की जरूरत है। कमर्शियल सोच से लोग हर हिस्से को कारोबार स्थल बना रहे हैं। भीड़ बढ़ने की स्थिति में यह सबसे बड़ी समस्या बन रही है। पार्किंग की जगह पर निर्माण हो रहा है। ट्रैफिक समस्या को ध्यान में रखने की जरूरत है। बड़े पद में बड़ी जिम्मेदारी होती है। शहर को सुंदर रखने का जिम्मा हर किसी का है। आप कचरा फेंकें और मेयर-मंत्री सुनें, यह परंपरा खत्म करें। चेम्बर दे साथ तो बदलेगी बाजार की सूरत
सवाल-जवाब के दौरान चेंबर ऑफ कॉमर्स मेंबर भी फोरम में थे। मालवीय रोड में ट्रैफिक समस्या का मुद्दा सामने आया। मंत्री ने कहा- अगर चेंबर चाहे तो रास्ता आसान होगा। एक जगह ऐसी व्यवस्था बनेगी, जहां लोग खान-पान के साथ शॉपिंग कर सकेंगे। भीड़ का दबाव कम होने के साथ स्मूथ सिस्टम बनेगा। चेंबर को पहले भी कहा है, पहल हो तो सार्थक परिणाम सामने आएगा।
माय सिटी, माय प्राइड अभियान की जरूरत
मंत्री मूणत ने कहा कि साल में एक बार नहीं, बल्कि माय सिटी माय प्राइड जैसा अभियान हर दो महीने में होना चाहिए। आम जनता को ऐसा मंच मिलता रहे ताकि उनकी राय भी सामने आ सके। दैनिक जागरण-नईदुनिया ग्रुप की मुहिम सराहनीय है।