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माय सिटी माय प्राइड का असर : रायपुर में सरकारी स्कूलों में होने लगी टीचर-पैरेंट्स मीटिंग, स्कूल की दीवारों में दिख रहे हैं नए रंग

माय सिटी माय प्राइड में शिक्षा को लेकर जो सुझाव मिले हैं, वे अब रायपुर में जमीन पर उतरने लगे हैं।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Mon, 27 May 2019 07:14 PM (IST)

रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि : नईदुनिया, दैनिक जागरण और जागरण न्‍यू मीडिया के महत्वपूर्ण अभियान माय सिटी माय प्राइड (my city my pride) में शिक्षा को लेकर जो सुझाव मिले हैं, वे अब जमीन पर उतरने लगे हैं। अभियान का असर है कि सरकारी स्कूलों में टीचर-पैरेंट्स मीटिंग होने लगी है। इसके लिए बाकायदा जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने सभी प्रधान पाठकों और प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है। डीईओ एएन बंजारा ने शिक्षा विभाग की ओर से फोरम में आए स्कूलों में टीचर-पैरेंट्स मीटिंग के प्रस्ताव पर हामी भरी थी। इस प्रस्ताव के परिपालन में डीईओ बंजारा ने वादे के अनुरूप आदेश जारी कर दिया है कि अब स्कूलों में पालकों की नियमित मीटिंग कराई जाएगी। आदेश जारी होते ही पालन शुरु कर दिया गया है।

मीटिंग में होने लगी गुणवत्ता की निगरानी

डीईओ बंजारा ने सभी प्राचार्य व प्रधानपाठक को निर्देश जारी किए हैं कि पाठ्यपुस्तक की पूर्णता, शिक्षण शैली, मूल्यांकन व परीक्षा के परिणामों की समीक्षा पालकों के साथ की जाए। कमजोर बच्चों के लिए उपचारात्मक कक्षाएं लगाई जाएं। बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे बच्चों की तैयारी कितनी हो पाई है, इसकी जानकारी भी पालकों को दी जाए। मीटिंग में साफ-सफाई, पेजयल, मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता आदि पर फोकस किया जा रहा है। पालकों की ओर से मिलने वाले सुझावों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

चलाया मोबाइल टीचर और विद्यादान

स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विद्यादान को प्रोत्साहित करने व मोबाइल टीचर की दरकार हुई थी। इस पर डीईओ ने 'डीईओ डॉट कॉम पर विद्यादान फार्मूले की घोषणा की थी। इसके जरिए वेबसाइट पर हर स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा दिया जा रहा है। जिस स्कूल में शिक्षकों की कमी होगी, वहां किस विषय के शिक्षक नहीं हैं, कितने शिक्षकों की जरूरत है, कौन सा पीरियड खाली रहता है आदि की जानकारी देखकर कुछ रिटायर्ड शिक्षकों ने स्कूलों में पढ़ाना भी शुरू कर दिया है। इसके साथ-साथ नगर निगम ने भी 'टीच फार रायपुर' का कार्यक्रम चलाया, ताकि नगर निगम के स्कूलों में शिक्षकों कमीपूरी की जा सके। 

कलेक्टर ने कहा- कलरफुल बनाएं स्कूल
माय सिटी माय प्राइड की राउंड टेबल कॉन्‍फ्रेंस में स्कूलों की दीवारें कलरफुल करने का प्रस्ताव आया था। प्राइमरी स्तर से बच्चों के स्कूलों को कलरफुल व आकर्षक बनाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने खुद जिम्मेदारी ली है। जिला प्रशासन ने राजधानी के आसपास के उन स्कूलों में जिनके नजदीक में कंपनियां या इंड्रस्ट्रीज हैं, वहां सीएसआर के मद से स्कूलों को कलरफुल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए प्लान बनना शुरु हो गया है और नए शिक्षा सत्र से कलरफुल सरकारी स्कूल दिखने लगेंगे।

टीचर-पैरेंट्स मीटिंग हो रही है
स्कूलों में टीचर-पैरेंट्स मीटिंग के लिए आदेश जारी कर चुके हैं। स्कूलों में मीटिंग शुरू भी हो गई है। माय सिटी माय प्राइड कार्यक्रम में कई सुझावों को हमने लागू किया है।
- एएन बंजारा, डीईओ, रायपुर

दीवारें कलरफुल करने के लिए सीएसआर की लेंगे मदद 
स्कूल विभाग की समीक्षा बैठक में स्कूलों को आकर्षक ढंग से कलरफुल करने के लिए निर्देश दिया है। इसके लिए इंड्रस्ट्रियल इलाकों के स्कूलों में सीएसआर की मदद भी ली जा सकती है। 
- डॉ. बसव राजू एस. कलेक्टर, रायपुर 

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