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Naxal Attack in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पहली बार नक्सलियों के ठिकाने से मिले नकली नोट, स्पेशल तरीके से दी गई थी छापने की ट्रेनिंग

एसपी किरण चव्हाण ने दावा किया कि वर्ष 2022 में नक्सली संगठन ने प्रत्येक एरिया कमेटी के एक-एक सदस्य को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण दिया था। अंदरूनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में नोटों को खपाने की भी सूचना मिलती रही है। पिछले कुछ सालों से नक्सल मोर्चे पर लगातार सुरक्षा कैंप खोले जा रहे हैं और ऑपरेशन तेज किए गए हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Sun, 23 Jun 2024 10:30 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2024 10:30 PM (IST)
नक्सलियों के ठिकाने से पहली बार नकली नोट छापने के उपकरण और नकली नोट मिले हैं।

जागरण न्यूज नेटवर्क, सुकमा। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के ठिकाने से पहली बार नकली नोट छापने के उपकरण और नकली नोट मिले हैं। पुलिस ने शनिवार को भेजी थाना क्षेत्र के ग्राम कोराजगुड़ा के जंगल में ऑपरेशन चलाकर पेड़ों के पीछे छिपाकर रखे कलर प्रिंटर मशीन, इन्वर्टर, कलर इंक और 50, 100, 200 व 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए। इसके साथ ही भरमार बंदूक, वायरलेस सेट, मैग्जीन, नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले काले कपड़े एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं।

नक्सल मोर्चे पर खोले जा रहे सुरक्षा कैंप

एसपी किरण चव्हाण ने दावा किया कि वर्ष 2022 में नक्सली संगठन ने प्रत्येक एरिया कमेटी के एक-एक सदस्य को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण दिया था। अंदरूनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में नोटों को खपाने की भी सूचना मिलती रही है। पिछले कुछ सालों से नक्सल मोर्चे पर लगातार सुरक्षा कैंप खोले जा रहे हैं, और ऑपरेशन तेज किए गए हैं। इससे नक्सलियों का शहरी नेटवर्क काफी हद तक खत्म हुआ है। नक्सल संगठन के सामने आर्थिक समस्या आ रही है। इसे दूर करने के लिए वे नकली नोट छापने लगे हैं।


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