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हर पांच किमी पर सुरक्षा कैंप, 60 हजार से अधिक जवान तैनात, बस्तर में कैसे टूटी नक्सलियों की कमर; पढ़ें खास रिपोर्ट

Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात तेजी से बल रहे हैं और नक्सली लगातार बैकफुट पर हैं। लेकिन यह सब अचानक नहीं हुआ बल्कि योजनाबद्ध तरीके से चलाए गए ऑपरेशन्स और केंद्र एवं राज्य की खास रणनीति से संभव हुआ है। पिछले नौ महीनों में यहां 189 नक्सली मारे गए हैं। पढ़ें नक्सल प्रभावित इलाकों से खास ग्रउंड रिपोर्ट।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 05 Oct 2024 11:45 PM (IST)
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इस समय बस्तर में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। (File Image)

संदीप तिवारी, रायपुर। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित थुलथुली गांव के पास शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में 32 नक्सलियों के मारे जाने से जुड़ी सफलता सुरक्षा शिविरों की तेजी से हो रही स्थापना का परिणाम है।

पिछले नौ महीने के भीतर प्रदेश के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में पांच- पांच किलोमीटर की दूरी पर 33 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इससे नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने की त्वरित कार्रवाई की जा रही है। नक्सलियों की कमर टूटती जा रही है।

बैकपुट पर नक्सली

पिछले नौ महीनों में यहां 189 नक्सली मारे गए हैं। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के अनुसार मार्च 2026 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के 250 कैंप और नियद नेल्लानार योजना (आपका अच्छा गांव) के तहत 58 नए कैंप स्थापित करने की रणनीति बनाई हई है।

प्रदेश में सामुदायिक पुलिसिंग का दायरा बढ़ाया गया है। इससे सरकार के प्रति स्थानीय लोगों का भरोसा बढ़ा है और सुरक्षा बलों का सूचना तंत्र मजबूत हुआ है। बड़े नक्सली नेताओं की उपस्थिति का पता चलते ही अभियानों को गति दी जा रही है। प्रदेश में नक्सली अब बैकफुट पर हैं।

केंद्र ने बढ़ाई सुरक्षा बलों की संख्या

हाल ही में केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के 4,000 से अधिक कर्मियों वाली चार बटालियनों को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया है। नक्सलियों के पूर्ण सफाए के लिए इस समय बस्तर में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

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