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Chhattisgarh: विष्णुदेव साय की नक्सलियों को सख्त चेतावनी, बोले- बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, तब होगी बातचीत

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नक्सली हिंसा के गढ़ बस्तर में पहली बार पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों को कड़ा संदेश दिया। भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर ने कहा कि बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। नक्सलियों ने इस धरती को रक्तरंजित कर दिया है। टारगेट किलिंग में शामिल नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 06 Jan 2024 09:34 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (फाइल फोटो)
अनिमेष पाल, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नक्सली हिंसा के गढ़ बस्तर में पहली बार पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नक्सलियों से तभी बात होगी, जब वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटेंगे। हिंसा पर उतारू नक्सलियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। नक्सलवाद से कड़ाई से निपटेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीति के अनुसार, नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में और आक्रामकता लाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि बस्तर के अंदरुनी क्षेत्रों में विकास पहुंचाना प्राथमिकता है। सड़क, बिजली, पानी, स्कूल की बुनियाद तैयार करने का काम करेंगे। पार्टी की जीत पर कार्यकर्ताओं के अभिनंदन समारोह में उपस्थित भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर ने कहा,

बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। नक्सलियों ने इस धरती को रक्तरंजित कर दिया है। टारगेट किलिंग में शामिल नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मंशा के अनुसार, नक्सलियों का बस्तर की धरती से खात्मा कर यहां के अप्रतिम सौंदर्य को देश-दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर लाना हमारी प्राथमिकता होगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा नक्सलियों पर अपने बस्तर के नेताओं की टारगेट किलिंग के आरोप लगाती रही है।

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सत्ता बदलने के बाद नक्सलरोधी अभियान तेज

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही नक्सलियों के विरुद्ध आक्रमण तेज हुए हैं। बीते एक पखवाड़े में बस्तर संभाग के नक्सलियों के प्रभाव वाले बीजापुर जिले के डुमरीपालनार, पालनार व चितावागु नदी सहित सुकमा जिले के सालातोंग, पड़िया व मूलेर में छह नए सुरक्षा बल के कैंप खोलकर नक्सलियों को उनके आधार क्षेत्र से खदेड़ा जा रहा है।

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नक्सलवाद के खात्मे की रणनीति पर काम करते हुए बाएसएफ के तीन हजार से अधिक जवानों की तीन बटालियन ओडिशा से छत्तीसगढ़ आ रही हैं। इतनी ही संख्या में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की इकाइयां अबूझमाड़ के भीतरी क्षेत्रों में जाएंगी। आइजीपी सुंदरराज पी ने कहा कि बारिश के पहले तक नक्सलियों के विरुद्ध अधिक से अधिक अभियान चलाए जाएंगे।

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