Chhatisgarh News: पहाड़ी कोरवा की रातें अब होंगी रोशन, सीएम साय की पहल और पीएम जनमन योजना के तहत हुआ संभव
महुआपानी गांव का दुर्गम इलाका लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा है। बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधा का न होना यहां के निवासियों के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ था। इस गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के 100 से अधिक परिवार रहते हैं। कोरवा जनजाति जिन्हें पहाड़ी कोरवा भी कहा जाता है छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी और आदिवासी जनजातियों में से एक है।
डिजिटल डेस्क, जशपुर। जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में बसे महुआपानी गांव, जो जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर है, अब बिजली की चमक से रोशन होने वाला है। घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के बीच बसा यह गांव विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय का घर है। यहां के निवासी, जो सदियों से अंधेरे में जीवन बिता रहे थे, अब पहली बार बिजली की रोशनी का अनुभव करेंगे। यह ऐतिहासिक कदम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल और पीएम जनमन योजना के तहत संभव हो सका है।
महुआपानी: दुर्गमता और संघर्ष की कहानी
महुआपानी गांव का दुर्गम इलाका, जहां पहुंच पाना ही एक चुनौती है, लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा है। बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधा का न होना यहां के निवासियों के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ था। इस गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के 100 से अधिक परिवार रहते हैं। कोरवा जनजाति, जिन्हें पहाड़ी कोरवा भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी और आदिवासी जनजातियों में से एक है। इनकी जीवनशैली जंगल और पहाड़ों पर निर्भर करती है, और ये अब तक आधुनिक सुविधाओं से कोसों दूर रहे हैं।
कोरवा जनजाति: प्रकृति के सानिध्य में जीवन
कोरवा जनजाति एक घुमंतू समुदाय है, जो जंगलों में रहकर शिकार, जड़ी-बूटी संग्रहण और कृषि के माध्यम से अपना जीवन यापन करता है। ये जनजाति अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजकर रखते हैं और पीढ़ियों से अपनी पारंपरिक जीवनशैली का पालन कर रहे हैं। आधुनिकता से दूर, कोरवा जनजाति के लोग अपनी पारंपरिक झोपड़ियों में रहते हैं और बिजली की अनुपस्थिति में रातों को भी अंधेरे में ही गुजारते आए हैं।बिजली का आगमन: एक नई शुरुआत
महुआपानी गांव में बिजली पहुंचने की खबर से वहां के निवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। यहां के लोगों के लिए यह सिर्फ बिजली नहीं, बल्कि उनके जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक है। अब यह गांव भी उस विकास की राह पर कदम रखेगा, जिससे अब तक यह वंचित था। शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और रोजगार के क्षेत्र में अब महुआपानी के निवासियों के लिए नए द्वार खुलेंगे।
इस बदलाव से गांव के लोग न केवल आधुनिक दुनिया से जुड़ सकेंगे, बल्कि अपने जीवन को भी एक नई दिशा में ले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल को गांव के लोगों ने दिल से सराहा है और उन्हें इस महत्वपूर्ण कदम के लिए धन्यवाद दिया है।
महुआपानी में बिजली का आगमन वास्तव में इस क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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