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छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के बाद तकरीर के लिए लेनी होगी मंजूरी, आदेश नहीं मानने पर होगी FIR; भड़के ओवैसी

छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में अब वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बाद ही शुक्रवार की नमाज के बाद तकरीर की जाएगी। यह आदेश 22 नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू होंगे। मस्जिदों के मुतवल्ली तकरीर के बारे में बोर्ड को जानकारी देंगे। इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही तकरीर दी जाएगी। हालांकि मौलानाओं को कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 17 Nov 2024 11:36 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ में लेनी होगी तकरीर की मंजूरी। ( सांकेतिक फोटो)
जेएनएन, रायपुर। छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में जुमे यानी शुक्रवार की नमाज के बाद होने वाली तकरीर के लिए वक्फ बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी। तकरीर किस विषय पर है, इसकी जानकारी लिखित में देनी होगी। यह आदेश छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष व भाजपा नेता डॉ. सलीम राज ने प्रदेशभर की मस्जिदों के मुतवल्ली को पत्र लिखकर भेजा है। उन्होंने कहा कि मंजूरी के बाद ही तकरीर की जा सकेगी। आदेश 22 नवंबर से लागू हो जाएगा।

आदेश नहीं मानने पर दर्ज होगा केस

डॉ. सलीम ने बताया कि प्रदेशभर की मस्जिदों के मुतवल्लियों को जानकारी देने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में मुतवल्ली तकरीर के विषय की जानकारी देंगे। बोर्ड से नियुक्त अधिकारी विषय को परखेंगे और अनुमति देंगे। आदेश नहीं मानने पर मुतवल्लियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने जो पत्र लिखा है, वह मुतवल्लियों के लिए है, मौलानाओं के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।

वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने किया विरोध

इमामों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है, जो अल्पसंख्यकों के लिए है। मुतवल्लियों को धार्मिक उपदेशों तक ही सीमित रहना चाहिए, राजनीति नहीं करनी चाहिए।

उधर, वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी ने नए अध्यक्ष के इस आदेश का विरोध किया है। उनका कहना है कि प्रदेशभर की मस्जिदों में एक साथ कैसे नजर रख सकेंगे? तकरीर में कुरान और हदीस की बातों का उल्लेख होता है। प्रदेशभर में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी मस्जिद से भड़काऊ तकरीर की गई हो। कुछ नेता राजनीतिक लाभ लेने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ऐसे लोगों से समाज निपटेगा।

ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर जताया विरोध

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते लिखा कि अब भाजपाई हमें बताएंगे कि दीन क्या है? क्या हमें अपने दीन पर चलने के लिए अब उनसे इजाजत लेनी होगी? वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई कानूनी ताकत नहीं है। 

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