Chhattisgarh News: दुष्कर्म के प्रयास के दोषी को वृद्धाश्रम में सेवा करने की सजा
Chhattisgarh News किशोर न्याय बोर्ड ने दुष्कर्म के प्रयास के एक दोषी को एक वर्ष तक वृद्धाश्रम में रहकर बजुर्गों की सेवा करने की सजा सुनाई है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उसने दुर्व्यवहार का प्रयास किया तो उसे उसके जघन्य अपराध के अनुरूप कड़ी सजा सुनाई जाएगी।
भिलाई, जेएनएन। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला किशोर न्याय बोर्ड ने दुष्कर्म के प्रयास के एक दोषी को एक वर्ष तक वृद्धाश्रम में रहकर बजुर्गों की सेवा करने की सजा सुनाई है। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर उसने इस दौरान वृद्धाश्रम से भागने या बुजुर्गों से दुर्व्यवहार का प्रयास किया तो उसे उसके जघन्य अपराध के अनुरूप कड़ी सजा सुनाई जाएगी।
चार साल की बच्ची से दुष्कर्म का था आरोप
यह मामला वर्ष 2014 का है। उतई थाना क्षेत्र के डुडेरा गांव के वासु यादव पर एक चार साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा था। तब वह 13 वर्ष का था। वासु को दो माह तक बाल संरक्षण गृह में रखा गया था। मामला किशोर न्याय बोर्ड में आठ वर्ष तक चला। इस दौरान अपचारित बालक 21 वर्ष का युवा हो गया। वासु पर आरोप सिद्ध हो चुका था, उसे सजा मिलनी तय थी, परंतु बचाव पक्ष के वकील डेरेश्वर बंजारे की क्षमा याचना कोर्ट ने मान ली।
दोषी को इसलिए सुधरने का दिया मौका
बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में श्रीकृष्ण व शिशुपाल की पौराणिक कथा का उद्धरण देकर कहा कि भगवान ने शिशुपाल की भी सौ गलतियां क्षमा की थीं। किशोर बोर्ड के न्यायाधीश सत्यानंद प्रसाद ने पाया कि दोषी के व्यवहार में पिछले आठ वर्ष में काफी बदलाव आ चुका है। उन्होंने मानवता के आधार पर दोषी को सुधरने अवसर देने का निर्णय लिया और सात अक्टूबर को सजा सुनाई कि वह एक वर्ष तक बुजुर्गों की सेवा करके वह संस्कार सीखे। 31 अक्टूबर को वासु को दुर्ग वृद्धाश्रम भेज दिया गया है।
पीड़ित पक्ष दोषी को कर चुका है क्षमा
इस मामले में पीड़ित पक्ष ने दोषी को पहले ही क्षमा कर दिया था और समझौता कर लिया था। कोर्ट ने पीड़ित बालिका को पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का आदेश भी दिया है। न्यायाधीश के इस निर्णय की लोग सराहना कर रहे हैं।