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छत्तीसगढ़ में सड़कों का बुना जा रहा जाल, सीएम भूपेश बघेल बोले- विकास के नए रास्ते खोलेंगी रोड

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में विश्वास और विकास का जो रोडमैप तैयार किया है वह अब आकार ले रहा है। छत्तीसगढ़ की सड़कें यहां की लाइफ लाइन हैं जो आने वाले समय में विकास के नए रास्तें खोलेंगी। इन सड़कों के कारण व्यापार बढ़ेगा पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों के विकसित होने के साथ आर्थिक तौर पर छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाके समृद्धि की ओर बढ़ेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Mon, 03 Jul 2023 05:56 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ में सड़कों का बुना जा रहा जाल, सीएम भूपेश बघेल बोले- विकास के नए रास्ते खोलेंगी रोड
रायपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में विश्वास और विकास का जो रोडमैप तैयार किया है, वह अब आकार ले रहा है। छत्तीसगढ़ की सड़कें यहां की लाइफ लाइन हैं जो आने वाले समय में विकास के नए रास्तें खोलेंगी।

इन सड़कों के कारण व्यापार बढ़ेगा, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों के विकसित होने के साथ आर्थिक तौर पर छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाके समृद्धि की ओर बढ़ेंगे। यह सब कुछ संभव होगा सड़कों के उन कारिडोर से जिसे बढ़ाने का काम जारी है।

राज्य में बीते साढ़े चार साल में राज्य में विभिन्न योजनाओं में सड़क एवं पुल के 7406 कार्यों हेतु लगभग 16 हजार 670 करोड़ रुपए तथा इस दौरान भवनों के 419 कार्यों हेतु लगभग 908 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। विगत 4 वर्षों में राज्य मद के अंतर्गत 9884 किमी सड़कों का उन्नयन किया जा चुका है।

इनमें 4 हजार 41 किमी सड़कों का नया डामरीकरण, 3 हजार 244 किमी सड़कों का डामरीकृत नवीनीकरण, 1 हजार 113 किमी सड़कों का चौडीकरण, 588 किमी सड़कों का मजबूतीकरण तथा 898 किमी सड़कों का सीमेंट कांक्रीटीकरण किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार विश्वास, विकास एवं सुरक्षा ही सरकार का मूलमंत्र है। मुख्यमंत्री के अनुसार छत्तीसगढ़ के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना सबसे जरूरी है। सरकार का लक्ष्य ग्रामीणों तक राशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार माध्यम, रोजमर्रा की चीजें, रोजगार व आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है, जिसके लिए सड़क एक महत्वपूर्ण साधन है।

मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं बस्तर के अंदरूनी इलाके

बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर जैसे जिलों के दुर्गम इलाके धीरे धीरे मुख्य धारा में शामिल होते जा रहे हैं। सड़कों के निर्माण और मरम्मत से किसानों की पंजीयन संख्या बढ़ी है। इन क्षेत्रों में धान की बिक्री बढ़ी है। वनोपज संग्रहण एवं विक्रय कार्यों में तेजी आई है और छत्तीसगढ़ में रोजगार के साधन भी उपलब्ध हुए हैं।

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