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Chhattisgarh News: आरक्षण बढ़ाने पर भाजपा भी बघेल सरकार के साथ, विधेयक का करेगी समर्थन

Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाकर पूर्ववत 32 प्रतिशत करने पर भाजपा भी राज्य की कांग्रेसी सरकार के साथ हो गई है। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Wed, 09 Nov 2022 08:41 PM (IST)
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छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ाने पर भाजपा भी बघेल सरकार के साथ। फाइल फोटो
रायपुर, जेएनएन। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण (Reservation) बढ़ाकर पूर्ववत 32 प्रतिशत करने पर भाजपा भी राज्य की कांग्रेस सरकार के साथ हो गई है। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने एक और दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है।

सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आरक्षण पर विधेयक लाने के लिए पहल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत को पत्र लिखा था। इधर, पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) के बयानों से साफ हो गया है कि सदन में आरक्षण बढ़ाने के सरकार के विधेयक को भाजपा समर्थन देगी।

तो भाजपा समर्थन करेगी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त हैं, उनका पालन हमारी सरकार कर रही है। हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों। पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने कहा कि सरकार अगर आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाने पर विधेयक लाती है तो भाजपा उसका समर्थन करेगी।

इसलिए बढ़ा राजनीतिक विवाद

वहीं, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सत्र 10 दिन का होना चाहिए। हाई कोर्ट ने प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। इससे 58 प्रतिशत का आरक्षण घटकर 50 प्रतिशत रह गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति का आरक्षण प्रतिशत 13 से बढ़कर 16 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग का 14 प्रतिशत हो गया है। आदिवासी समाज आरक्षण घटने का विरोध कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति विवाद भी बढ़ता जा रहा है।

राज्यपाल ने दिया था सुझाव

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने तीन नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर विधानसभा का सत्र बुलाने और आदिवासी आरक्षण पर अध्यादेश लाने का सुझाव दिया था। राज्यपाल ने आश्वस्त भी किया था कि आदिवासी वर्ग के आरक्षण में वे हर प्रकार की मदद करेंगी। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक के आरक्षण का करेंगे अध्ययन इस विषय को लेकर सरकार की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि वह 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण वाले राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में अध्ययन के लिए तीन आइएएस अधिकारियों की टीम भेजने जा रही है।

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