एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली तेलंगाना से गिरफ्तार, अंग्रेजी-हिंदी समेत कई भाषाओं की जानकार
तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद के महबूब नगर से एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली कल्पना उर्फ सुजाता को गिरफ्तार किया है। उस पर आंध्र प्रदेश तेलंगाना महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये का इनाम था। पुलिस को उससे पूछताछ में नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिलने की उम्मीद है। सुजाता नक्सली लीडर कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की विधवा है।
जेएनएन, जगदलपुर। तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद के महबूब नगर से एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली कल्पना उर्फ सुजाता को गिरफ्तार किया है। 60 वर्षीय सुजाता दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी की प्रभारी समेत कई पदों पर रही है। दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी की प्रभारी रहते वह बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जिले में 100 से अधिक घटनाओं में शामिल रही है।
पुलिस ने बताया कि वह इलाज के लिए तेलंगाना पहुंची थी, तभी पकड़ी गई। उस पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये का इनाम था। पुलिस को उससे पूछताछ में नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिलने की उम्मीद है।
किशनजी के साथ ही वह बंगाल से बस्तर आई
सुजाता नक्सली लीडर कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की विधवा है। किशनजी के साथ ही वह बंगाल से बस्तर आई थी। किशनजी को बंगाल का प्रभार दिए जाने के बाद कुछ समय वह बंगाल भी रही। किशनजी के वर्ष 2011 में मारे जाने के बाद उसने बस्तर का रुख किया था।
हिड़मा समेत महिला विंग किया तैयार
सुजाता को हार्डकोर नक्सली माना जाता है। सामान्य तौर पर पति की मौत के बाद महिला नक्सली संगठन छोड़ दिया करती है, पर सुजाता ने समर्पण नहीं किया। उसका देवर सोनू सेंट्रल कमेटी सदस्य है। सोनू की पत्नी भी नक्सली नेता है। सुजाता ने ही नक्सल कमांडर माडवी हिड़मा को तैयार किया था। संगठन में महिलाओं की भर्ती में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित
नक्सल संगठन में उसके कई नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित हैं। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, झांसीबाई कहा जाता है। बंगाल में उसे मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। 12वीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, ओडि़या, तेलुगु के साथ गोंडी, हल्बी बोली की जानकार है।
पुलिस ने बताया कि वह इलाज के लिए तेलंगाना पहुंची थी, तभी पकड़ी गई। उस पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये का इनाम था। पुलिस को उससे पूछताछ में नक्सलियों के बारे में बड़ा इनपुट मिलने की उम्मीद है।
बड़े हमलों के पीछे सुजाता का दिमाग
बड़े हमलों के पीछे सुजाता का ही दिमाग रहा है। 2007 में एर्राबोर में 23 जवान बलिदान, अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान बलिदान, 2010 में गादीरास में 36 की हत्या, झीरम में 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले में 31 की हत्या, 2017 ¨चतागुफा में 25 जवान, मिनपा में 17 जवान, टेकुलगुड़ेम में 21 जवान के बलिदान की घटनाओं के पीछे सुजाता ही रही है।